नई दिल्ली (पीटीआई)।  भारत और पाकिस्तान ने तल्ख संबंधों के बीच अहम फैसले लिए है। अब पाकिस्तान के गुरुद्वारा दरबार साहिब में भारतीय अब बिना वीजा के भी जा सकेंगे। अमृतसर के अटारी में दोनों पक्षों के बीच बैठक में पाकिस्तान भारतीय तीर्थयात्रियों को गुरुद्वारे की यात्रा करने की अनुमति देने के लिए सर्विस फीस लेने पर जोर दे रहा है। वहीं भारत इस पर विरोध जता रहा है।

वीजा मुक्त यात्रा पर सहमत दोनों देश

संयुक्त सचिव स्तर की बैठक को लेकर अधिकारियों ने बताया कि दोनों पक्ष बिना किसी प्रतिबंध के पाकिस्तान के गुरुद्वारा दरबार साहिब में भारतीय तीर्थयात्रियों की वीजा मुक्त यात्रा पर सहमत हुए। आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि ओसीआई (ओवरसीज सिटीजनशिप ऑफ इंडिया) कार्ड रखने वाले भारतीय मूल के लोग भी करतारपुर कॉरिडोर का उपयोग कर गुरुद्वारा जा सकते हैं।

5,000  श्रद्धालु प्रतिदिन जा सकते हैं

वहीं इस दाैरान यह भी तय हुआ है कि 5,000 श्रद्धालु  प्रतिदिन करतारपुर साहिब गुुरुद्वारा जा सकते हैं। वहीं इससे ज्यादा तीर्थयात्रियों को विशेष अवसरों पर अनुमति दी जाएगी, जो पाकिस्तान की ओर से सुविधाओं के क्षमता विस्तार के अधीन हैं। बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि यह काॅरिडोर पूरे वर्ष और सप्ताह के सातों दिन चालू किया जाएगा।

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करतारपुर काॅरिडोर बनाने को सहमत हुए

बता दें कि नवंबर 2018 में, भारत और पाकिस्तान गुरदासपुर जिले के डेरा बाबा नानक में सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक के अंतिम विश्राम स्थल करतारपुर में गुरुद्वारा दरबार साहिब को जोड़ने वाले करतारपुर काॅरिडोर को स्थापित करने पर सहमत हुए थे। करतारपुर डेरा बाबा नानक से लगभग चार किमी दूर रावी नदी के पार पाकिस्तान के नरोवाल जिले में स्थित है।

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