नई दिल्ली (रॉयटर्स) भारत सरकार ने गुरुवार को कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ अपनी लड़ाई में प्रारंभिक सफलता का दावा किया। उन्होंने कहा कि अगर देश भर में लॉकडाउन घोषित नहीं किया जाता तो अगले सप्ताह तक भारत में 820,000 मामले सामने आ जाते। भारत में वायरस से 169 लोगों की मौत हुई है, वहीं 5,865 लोग संक्रमित हैं। यह आकड़ा अमेरिका, इटली और स्पेन जैसे अन्य देशों की तुलना में बहुत कम है। विदेश मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव विकास स्वरूप ने कहा, भले ही इसने अर्थव्यवस्था और सैकड़ों मिलियन लोगों पर भारी असर डाला हो लेकिन लॉकडाउन में तीन सप्ताह के लिए 1.3 बिलियन भारतीयों को घर में रहने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फैसले ने संक्रमण दर को देश में धीमा करने में मदद की है।

30 जनवरी से शुरू की स्क्रीनिंग

स्वरूप ने कहा कि अगर लॉकडाउन का उपाय न किया जाता तो कोरोना का आकड़ा 820,000 को छू सकता था। उन्होंने कहा, 'हम इटली के रास्ते पर चले गए होते, अगर हमने लॉकडाउन नहीं किया होता। भारत ने 30 जनवरी से पहला पॉजिटिव मामला सामने आने के बाद विदेशों से आने वाले सभी लोगों की स्क्रीनिंग शुरू की, जबकि इटली ने अपने पहले मामले के 25 दिन बाद स्क्रीनिंग शुरू की थी। वायरस का प्रकोप भारत के 600 से अधिक जिलों में से लगभग 75 में केंद्रित था, जो सरकार को संकट का बेहतर प्रबंधन करने में मदद करेगा।' बता दें कि मोदी अगले दो दिनों में फैसला लेने वाले हैं कि क्या अगले मंगलवार को समाप्त होने वाले लॉकडाउन का विस्तार करना है या नहीं। बता दें कि इस वायरस के चलते लाखों लोग अपनी नौकरी खो चुके हैं, मोटे तौर पर उनको ज्यादा नुकसान हुआ है, जिनका जीवन दैनिक मजदूरी पर आधारित है। कई राज्यों ने विस्तार के लिए कहा है क्योंकि वे मामलों की वृद्धि से निपटने में सक्षम नहीं होंगे।

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