नई दिल्ली (पीटीआई)। भारत के तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी का कहना है कि उन्होंने कुछ साल पहले व्यक्तिगत मुद्दों से जूझते हुए आत्महत्या करने की सोची थी। यह तो अच्छा था कि उस वक्त परिवार ने उनका साथ दिया। नहीं तो शमी इतना डिस्टर्ब हो गए थे कि वह जीना नहीं चाहते थे। शमी कहते हैं, उनके परिवार के सदस्यों को डर था कि वह अपने 24 वें मंजिल के अपार्टमेंट से कूद कर जान दे देंगे। खैर शमी का वो बुरा वक्त बीत चुका है। यह गेंदबाज इस समय इंडियन पेस अटैक का मुख्य हथियार है।

2-3 दोस्त 24 घंटे मेरे साथ रहते थे

हाल के वर्षों में भारत के अग्रणी गेंदबाजों में से एक शमी ने टीम के साथी और सीमित ओवरों के कप्तान रोहित शर्मा के साथ इंस्टाग्राम चैट के दौरान अपने व्यक्तिगत और पेशेवर जीवन के बारे में जानकारी दी। शमी ने शनिवार को चैट के दौरान खुलासा किया, "मुझे लगता है कि अगर मेरे परिवार ने मेरा समर्थन नहीं किया होता तो मैं अपना क्रिकेट खो देता। मैंने उस दौरान तीन बार आत्महत्या करने का विचार किया। मैं क्रिकेट के बारे में बिल्कुल नहीं सोच रहा था। हम 24 वीं मंजिल पर रह रहे थे। परिवार के लोग डरते थे कि, कहीं मैं नीचे न कूद जाउं। मेरे भाई ने मेरा बहुत समर्थन किया।' शमी ने आगे कहा, 'मेरे 2-3 दोस्त 24 घंटे मेरे साथ रहते थे। मेरे माता-पिता ने मुझे उस संकट से उबरने के लिए क्रिकेट पर ध्यान केंद्रित करने के लिए कहा और किसी और चीज के बारे में नहीं। मैंने तब देहरादून में एक अकादमी में ट्रेनिंग शुुरु की और जमकर पसीना बहाया।'

पत्नी ने लगाया था घरेलू हिंसा का आरोप

मार्च 2018 में, शमी की पत्नी हसीन जहां ने उन पर घरेलू हिंसा का आरोप लगाया था और पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी, जिसके बाद इस भारतीय खिलाड़ी और उनके भाई के खिलाफ संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था। उस वक्त बीसीसीआई ने भी शमी का सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट रोक दिया था। शमी ने रोहित को बताया, "रिहैब तनावपूर्ण था क्योंकि हर रोज एक ही तरह की एक्सरसाइज दोहराई जाती हैं। फिर पारिवारिक समस्याएं शुरू हुईं और मेरे साथ एक दुर्घटना भी हुई। यह दुर्घटना आईपीएल से 10-12 दिन पहले हुई थी और मेरी व्यक्तिगत समस्याएं मीडिया में ज्यादा चल रही थीं।"

ऐसे की क्रिकेट में वापसी

शमी ने कहा कि उनका परिवार उनके साथ चट्टान की तरह खड़ा था और समर्थन से उन्हें अपने पैरों पर वापस खड़े होने में मदद मिली। तेज गेंदबाज ने कहा, 'तब मेरे परिवार ने समझाया कि हर समस्या का एक हल होता है चाहे समस्या कितनी भी बड़ी हो। मेरे भाई ने मेरा बहुत समर्थन किया।" 2015 विश्व कप में अपनी चोट के बाद अपने जीवन में एक और दर्दनाक अवधि के बारे में बोलते हुए, शमी ने कहा कि उन्हें मैदान पर वापस आने में लगभग 18 महीने लग गए। "जब मैं 2015 विश्व कप में चोटिल हो गया, उसके बाद मुझे पूरी तरह से ठीक होने में 18 महीने लगे, यह मेरे जीवन का सबसे दर्दनाक क्षण था, यह बहुत तनावपूर्ण अवधि थी।"

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