संयुक्त राष्ट्र (पीटीआई)। मौजूदा युद्ध के बीच यूक्रेन से अपने 20,000 से अधिक नागरिकों को सुरक्षित वापस लाने में सफल रहे भारत ने कहा कि वह रूस और यूक्रेन दोनों से बार-बार आग्रह करने के बावजूद सुरक्षित गलियारा को लेकर बेहद चिंतित है। बता दें यूक्रेन के पूर्वी शहर सूमी में अभी भी कुछ भारतीय छात्र फंसे हैं। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टी एस तिरुमूर्ति ने यूक्रेन में मानवीय स्थिति पर सोमवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक में कहा, "भारत सभी शत्रुता को तत्काल समाप्त करने का आह्वान करता रहा है।"

सूमी में फंसे भारतीय छात्र चिंता का विषय
तिरुमूर्ति ने कहा कि भारत ने यूक्रेन में रह रहे भारतीय नागरिकों सहित सभी निर्दोष नागरिकों के लिए सुरक्षित और निर्बाध मार्ग की अपनी तत्काल मांग को दोहराया है। तिरुमूर्ति ने कहा, “हम इस बात से बहुत चिंतित हैं कि दोनों पक्षों से हमारे बार-बार आग्रह करने के बावजूद, सूमी में फंसे हमारे छात्रों के लिए सुरक्षित गलियारा नहीं बन पाया।' तिरुमूर्ति ने कहा कि भारत यूक्रेन से 20,000 से अधिक भारतीयों की सुरक्षित वापसी में मदद करने में कामयाब रहा है। हमने अन्य देशों के नागरिकों की भी सहायता की है, जिन्होंने हमसे संपर्क किया, अपने-अपने देशों में लौटने के लिए। और हम आने वाले दिनों में ऐसा करने के लिए तैयार रहेंगे।

700 छात्र नहीं निकल पा रहे
भारतीय दूत ने परिषद को बताया कि भारतीय नागरिकों को घर लाने के लिए 80 से अधिक उड़ानों की व्यवस्था की गई। तिरुमूर्ति ने कहा, 'हम यूक्रेन और उसके पड़ोसी देशों के अधिकारियों द्वारा उनकी वापसी को सुविधाजनक बनाने में प्रदान की गई सहायता की सराहना करते हैं। मगर सूमी में अभी भी लगभग 700 भारतीय छात्र फंसे हुए हैं, जो पिछले कुछ दिनों से रूसी और यूक्रेनी सैनिकों के बीच लड़ाई के चलते नहीं निकल पा रहे।'

पुतिन से कई बार बात कर चुके हैं मोदी
सोमवार को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ फोन पर बातचीत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सूमी में रह रहे भारतीय छात्रों की सुरक्षा के प्रति अपनी गहरी चिंता व्यक्त की। नई दिल्ली में जारी एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया, "राष्ट्रपति पुतिन ने प्रधानमंत्री को भारतीय छात्रों सहित नागरिकों की निकासी की सुविधा के लिए मानवीय गलियारों से संबंधित चल रहे उपायों के बारे में जानकारी दी।" मोदी ने यह भी सुझाव दिया कि पुतिन और यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की के बीच सीधी बातचीत "चल रहे शांति प्रयासों में बहुत मदद कर सकती है।"

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