लखनऊ की रहने वाली उर्वशी के मुताबिक, ‘इस बारे में हमारे बीच काफी असमंजस है। बच्चे पूछते हैं कि जापान का एक नाम है, चीन का एक नाम है लेकिन अपने देश के दो नाम क्यों  हैं.’ उन्होंने ये सवाल इसलिए पूछा है ताकि नेक्स्ट जेनरेशन के बीच इस बारे में कोई संदेह न रहे।

 

उनका कहना है कि पीएमओ की ओर से मिले जवाब में कहा गया है कि उनकी एप्लीकेशन होम मिनिस्ट्री के पास भेजी गई है। जहां इस सवाल का जवाब किसी के पास नहीं है। ऐसे में इसे कल संस्कृति विभाग और फिर वहां से नेशनल आर्काइव ऑफ इंडिया भेज दिया गया जहां यह जानकारी खोजी जा रही है।

उर्वशी शर्मा का कहना है कि वहां भी एप्लीकेशन पहुंचे तीन सप्ताह बीतने को आ गए लेकिन जवाब अभी तक नहीं आया है।

National News inextlive from India News Desk