नई दिल्ली (रॉयटर्स)। भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूसरे कार्यकाल के पहले 100 दिनों में, देश की आर्थिक सुधारों के लिए सरकार कई बड़े कदम उठा सकती है। इसी बीच सरकार विदेशी निवेशकों को अपनी नीतियों से लुभाने का काम भी कर सकती है।  सीधे पीएम मोदी को रिपोर्ट करने वाली नीति आयोग (नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर ट्रांसफॉर्मिंग इंडिया) के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने बताया, 'सरकार श्रम कानूनों में बदलाव, निजीकरण के कदम और औद्योगिक विकास के लिए भूमि उपलब्धता जैसे सुधारों पर काम करेगी। उनके (विदेशी निवेशक) पास खुश होने के कारण होंगे। आप उन सुधारों को देखेंगे, जिनके बारे में मैं आपको स्पष्ट कर सकता हूं।' बता दें कि कुमार ने यह बात मोदी के शपथ ग्रहण से पहले रॉयटर्स के साथ एक इंटरव्यू में कही। अब वित्त मंत्रालय की जिम्मेदारी निर्मला सीतारमण को मिल गई है।

जुलाई में सरकार पेश करेगी विधेयक

कुमार ने कहा कि भारत के कड़े श्रम कानूनों में सुधार जुलाई में अगले संसदीय सत्र के दौरान देखी जाएगी, सरकार अनुमोदन के लिए निचले सदन के सामने इसको लेकर एक नया विधेयक पेश करेगी। इस बिल को पेश करने का उद्देश्य 44 केंद्रीय कानूनों को चार कोड वेज में बांटना होगा, जिसमें पहला 'औद्योगिक संबंध', दूसरा 'सामाजिक सुरक्षा', तीसरा 'सामाजिक सुरक्षा और कल्याण' और चौथे में 'व्यावसायिक सुरक्षा', 'स्वास्थ्य और वर्किंग कंडीशन' शामिल होगा। इससे कंपनियों में कर्मचारियों और अधिकारियों के बीच कोई भी विवाद नहीं होगा, इससे कर्मचारियों को कई अन्य फायदे भी होंगे। कुमार ने बताया कि सरकार विदेशी निवेशकों को आसानी से जमीन उपलब्ध कराके उन्हें खुश करने का काम कर सकती है। सरकार उन्हें निवेश के लिए अपनी जमीन मुहैया कर सकती है, जिससे ओनरशिप को लेकर बाद में उन्हें कोई विवाद का सामना ना करना पड़े। बता दें कि पहले जो जमीनें निवेशकों को मिली, उनमें से कई कृषि योग्य थी, जिसके चलते उन्हें स्थानीय लोगों के साथ अदालत में लड़ाई लड़नी पड़ी। कुमार ने बताया कि सरकार इस बार निवेशकों को हर तरह के विवादों से बचाने की कोशिश करेगी।

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कई कंपनियों का होगा निजीकरण

कुमार ने बताया कि सरकार आने वाले महीनों में 42 से अधिक राज्य नियंत्रित कंपनियों को पूरी तरह से निजीकरण या बंद करने पर ध्यान देगी। यहां तक सरकार घाटे में चल रही विमान कंपनी 'एयर इंडिया' में डायरेक्ट फॉरेन इन्वेस्टमेंट की सीमा को बढ़ाने पर भी विचार कर रही है ताकि इसे आसानी से बेचा जा सके। कुमार ने यह भी कहा कि सरकार एक ऑटोनॉमस होल्डिंग कंपनी बना सकती है, जो सभी राज्य के स्वामित्व वाली कंपनियों को नियंत्रित करेगी और उसे किसी भी मंत्रालयों को इनका जवाब नहीं देना होगा।

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