1. ओपनर्स फिर हुए फेल

कानपुर। एजबेस्टन टेस्ट में भारतीय ओपनर बल्लेबाज पूरी तरह से फ्लॉप रहे थे। मुरली विजय ने जहां दोनों पारियों में 26 रन बनाए तो वहीं शिखर धवन के बल्ले से सिर्फ 39 रन निकले। धवन से टीम इंडिया को काफी उम्मीद थी। पिछले कुछ समय से टीम इंडिया के गब्बर शानदार फॉर्म में थे। हालांकि इंग्लैंड आते ही उनके प्रदर्शन में काफी गिरावट हुई। अभ्यास मैच में भी शिखर दोनों पारियों में बिना खाता खोले पवेलियन लौट गए थे। ऐसे में जब एजबेस्टन में टीम को एक अच्छी शुरुआत की जरूरत थी तो दोनों भारतीय ओपनर बल्लेबाज फ्लॉप रहे। भारतीय कप्तान विराट ने धवन को लॉर्ड्स टेस्ट में ड्रॉप कर दिया। उनकी जगह केएल राहुल ने ओपनिंग की मगर वह भी फ्लॉप रहे। दूसरी ओर मुरली विजय दोनों पारियों में खाता भी नहीं खोल पाए।

पुजारा से भी नहीं हुआ गुजारा,लॉर्ड्स टेस्ट में टीम इंडिया की हार के ये हैं 5 कारण

2. मध्यक्रम में नहीं कोई भरोसेमंद

पांच दिनों तक चलने वाले टेस्ट क्रिकेट के लिए टीम इंडिया को अभी भी मध्यक्रम में एक भरोसेमंद बल्लेबाज की जरूरत है। अजिंक्य रहाणे, दिनेश कार्तिक और केएल राहुल या चेतेश्वर पुजारा, भारतीय कप्तान ने कई खिलाड़ियों को आजमाया मगर कोई भी नहीं चल पाया। टेस्ट क्रिकेट में मध्यक्रम बल्लेबाज की काफी अहमियत होती है। जब भारतीय ओपनर्स फ्लॉप साबित हो रहे थे तब मध्यक्रम में कोई ऐसा बल्लेबाज होना चाहिए जो पिच पर टिक सके। ऐसे वक्त टीम को राहुल द्रविड़ की याद जरूर आ रही होगी।

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3. पुजारा से भी नहीं हुआ गुजारा

टेस्ट क्रिकेट में 50 से ज्यादा की औसत से रन बनाने वाले चेतेश्वर पुजारा पहले टेस्ट में प्लेइंग इलेवन में न खिलाना सबसे बड़ी गलती थी। हालांकि कोहली ने लॉर्ड्स मे इस गलती को सुधारा और पुजारा को टीम में रखा। पुजारा काफी समय से इंग्लैंड में काउंटी क्रिकेट खेल रहे हैं और उन्हें वहां की कंडीशन अच्छे से पता हैं। शायद यही वजह है कि उन्होंने काफी देर तक पिच पर टिके रहने की कोशिश की थी मगर आखिर में वह भी साथ छोड़ गए। वह भारत की तरफ से सबसे ज्यादा गेंद खेलने वाले बल्लेबाज हैं मगर टीम को जीत वह भी नहीं दिला सके। क्रिकइन्फो के डेटा के मुताबिक, पुजारा के नाम 59 टेस्ट मैचों में 4549 रन दर्ज हैं जिसमें 14 शतक और 17 अर्धशतक शामिल हैं। यह रिकॉर्ड देखकर भी पुजारा को बाहर बिठाना शायद भारतीय टीम मैनेजमेंट की सबसे बड़ी भूल साबित हुआ। मगर लॉर्ड्स टेस्ट में विराट इस गलती को सुधारना चाहेंगे।

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4. कोहली भी नहीं दिखा रहे विराट स्वरूप

बतौर कप्तान किसी भी खिलाड़ी की जिम्मेदारी होती है वह अपनी टीम को जीत की दहलीज पर ले जाए। एजबेस्टन टेस्ट में विराट कोहली ने पहली इनिंग्स में 149 रन की पारी खेलकर भारत को मैच जिताने की पूरी कोशिश की मगर सेकेंड इनिंग्स में जब लक्ष्य हासिल करना था तो ये चेज मास्टर भी पीछे रह गया। दूसरी पारी में कोहली 51 रन बनाकर आउट हो गए और इंग्लिश गेंदबाज अच्छे से जानते थे कि विराट का विकेट ले लिया तो मैच उनकी मुठ्ठी में आ जाएगा। ऐसा ही कुछ उन्होंने लॉर्ड्स टेस्ट में किया। दूसरे टेस्ट में कोहली के बल्ले से कुल 50 रन निकले। वह भी ज्यादा देर पिच पर टिक नहीं पाए।

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5. बॉलिंग कांबिनेशन में हुई गड़बड़

लॉर्ड्स में बारिश के बाद पिच तेज गेंदबाजों की मददगार हो गई थी। इंग्लैंड की तरफ से जेम्स एंडरसन, स्टुअर्ट ब्रॉड और क्रिस वोक्स ने इसका भरपूर फायदा उठाया। भारतीय कप्तान विराट कोहली से यहां गलती हो गई। उन्होंने प्लेइंग इलेवन में पेसर उमेश यादव को बाहर कर स्पिनर कुलदीप यादव को शामिल कर लिया। वहीं आर.अश्विन पहले से ही टीम में थे। तेज उछाल वाली पिच पर इन दोनों स्पिनरों का कोई जादू नहीं चला। यही वजह है कि भारत इंग्लिश बल्लेबाजों को जल्दी आउट नहीं कर पाया।

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