कानपुर। India vs New Zealand 2nd Test एशिया के बाहर जब-जब टीम इंडिया टेस्ट मैच खेलने जाती है तो भारतीय टीम में रवींद्र जडेजा और आर अश्विन को लेकर रेस लगी रहती है। जडेजा को वेस्टइंडीज में अश्विन से आगे रखा गया और ऑस्ट्रेलिया में अंतिम मैच से पहले ही चुन लिया गया था। मगर टीम मैनेजमेंट ने वेलिंगटन में भारत बनाम न्यूजीलैंड के बीच खेले गए पहले टेस्ट मैच में अश्विन के साथ जाने का फैसला किया था। ऐसा इसलिए हो सकता है क्योंकि न्यूजीलैंड के पास शीर्ष क्रम में कुछ बाएं हाथ के खिलाड़ी थे, लेकिन मैच में अश्विन के निराशाजनक प्रदर्शन ने इस बहस को फिर से छेड़ दिया। हालांकि अश्विन की गेंदबाजी अभी भी उन्हें एक और मौका दिला सकती है, लेकिन पिछले दो वर्षों में अश्विन की टेस्ट में खराब बल्लेबाजी उन्हें अंतिम 11 से बाहर कर सकती है। इस बीच जडेजा का बल्ले से काफी अच्छा प्रदर्शन रहा है, ऐसे में उन्हें क्राइस्टचर्च में ऑलराउंडर की भूमिका निभाने के लिए अनुमति मिल सकती है।

देखिए जडेजा-अश्विन में कौन है बेहतर

इस तथ्य से कोई इनकार नहीं करता कि अश्विन जडेजा से बेहतर स्पिनर हैं। वेलिंगटन में ईशांत के बाद अश्विन ही दूसरे सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज भी दिखे। मगर टीम इंडिया को जब बल्ले से अश्विन की जरूरत पड़ी तो वह नाकाम रह गए। 2017 के बाद से, अश्विन ने 17.36 की औसत से केवल 573 रन बनाए हैं और सिर्फ एक अर्धशतक बनाया है। दूसरी ओर, जडेजा ने बल्ले से कमाल किया है - उन्होंने 31 पारियों में 49.80 की औसत से 996 रन बनाए हैं और 10 अर्धशतक और एक शतक भी बनाया है।

निचले क्रम पर एक बल्लेबाज की जरूरत

विदेशी जमीं पर भारत को निचले क्रम के बल्लेबाजों से थोड़ी बहुत उम्मीद होती है। कई बार देखा गया है भारत के बाहर टीम इंडिया का टॉप ऑर्डर अक्सर लडख़ड़ा जाता है। ऐसे में जरूरी है कि निचले क्रम पर कुछ ऐसे खिलाड़ी हों जो एक छोर जमाए रखें। वेलिंग्टन टेस्ट में अश्विन से यही उम्मीद की गई थी मगर वह पूरी तरह फ्लॉप रहे। ऐसे में जडेजा को दूसरे टेस्ट में मौका मिल सकता है। बता दें भारत-न्यूजीलैंड के बीच आखिरी टेस्ट शनिवार से क्राइस्टचर्च में शुरु होगा। विराट पहले ही एक मैच हार चुके हैं अब अगर ये मुकाबला भी हाथ से निकल गया तो सीरीज गंवा बैठेंगे।

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