किंग्सटन (पीटीआई)। भारत बनाम वेस्टइंडीज के जमैका टेस्ट में विंडीज टीम की दूसरी पारी में 12 खिलाड़ियों के बैटिंग करने को लेकर काफी चर्चा है। दरअसल मैच के दौरान विंडीज बल्लेबाज डेरेन ब्रावो के रिटायर्ड हर्ट होने पर कनकशन सब्सटीट्यूट के रूप में 12वें नंबर के बल्लेबाज ब्लैकवुड ने बल्लेबाजी की। इस तरह वेस्टइंडीज की दूसरी पारी में कुल 12 बल्लेबाजों ने बैटिंग की। इसको लेकर टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली का मैच के बाद बड़ा बयान आया है। कोहली ने आईसीसी के नए नियम का समर्थन करते हुए कहा है कि टेस्ट मैच के दौरान ऐसी परिस्थितियों में खिलाड़ी को बदलने का मतलब यही है कि शरीर में चोट लगने के लक्षण देर से दिख सकते हैं। बता दें ब्रावो को चोट तीसरे दिन लगी थी जबकि वह रिटायर्ड हर्ट चौथे दिन हुए।

विराट को सही लगता है नियम

कोहली ने कहा, "मुझे लगता है कि यह आसानी से समझने वाली बात है। टेस्ट क्रिकेट बहुत अलग है क्योंकि उस दिन आप खेल सकते हैं, लेकिन जब आप अगले दिन बाहर आते हैं तो यह एक साथ अलग स्थिति होती है।' यही नहीं विराट ने आईपीएल का एक उदाहरण भी दिया। कोहली आगे कहते हैं, 'एबी (डिविलियर्स) इस साल आईपीएल में जसप्रीत बुमराह के खिलाफ चोटिल हो गए थे। जिस रात उन्होंने खेला वह ठीक थे लेकिन अगली सुबह उन्हें चक्कर आ गया। ऐसा ही कुछ ब्रावो के साथ हुआ होगा। ऐसे में मुझे लगता है कि यह टेस्ट क्रिकेट में पूरी तरह से सही है क्योंकि जब आप अगले दिन उठते हैं तो आप उस दिन से पूरी तरह से अलग होते हैं जब आप चोटिल हुए थे। यह आप पर निर्भर करता है। इसलिए मैं इसके लिए पूरी तरह तैयार हूं।'

स्मिथ भी हो चुके हैं शिकार

आपको बता दें पिछले महीने दूसरे एशेज टेस्ट में ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज स्टीव स्मिथ तेज इंग्लिश गेंदबाज जोफ्रा आर्चर की गेंद पर चोटिल हुए थे। तब स्मिथ की जगह मार्नस लबुछाने कंगारू टीम में शामिल हुए। इसी के साथ लबुछाने सब्सटीट्यूट टीम में खेलने वाले पहले खिलाड़ी बन गए। आईसीसी का यह नया नियम एक अगस्त से पुरुष और महिला इंटरनेशनल मैचों सहित सभी फर्स्ट क्लाॅस मैचों में भी लागू किया गया है। यह ऑस्ट्रेलिया की घरेलू क्रिकेट प्रतियोगिता शेफील्ड शील्ड में दो साल के ट्रायल के बाद लिया गया था।

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जानें कैसे लागू होता है नया नियम

मैच के दौरान अब कोई बल्लेबाज चोटिल होता है और वह रिटायर्ड हर्ट हो जाता है तो उसकी जगह अब नया बल्लेबाज बैटिंग कर सकता है। यही रूल गेंदबाज पर भी लागू होगा। चलते मैच में किसी गेंदबाज को गंभीर चोट लगती है और वह फील्ड छोड़कर बाहर चला जाता है तो उसकी जगह नए गेंदबाज को टीम में शामिल कर लिया जाएगा। खिलाड़ियों के रिप्लेसमेंट का डिसीजन टीम मेडिकल स्टाॅफ द्वारा किया जाएगा। एक बार यह तय हो जाए कि चोटिल खिलाड़ी वापस मैदान में नहीं आ सकता तो उसकी जगह दूसरे खिलाड़ी को मैच रेफरी की अनुमति के बाद मैदान में आने दिया जाएगा। बताते चलें ये नियम सिर्फ उन खिलाड़ियों पर लागू होता है जिनके सिर पर चोट लगी हो। मैच के दौरान अक्सर बल्लेाज तेज बाउंसर के चलते चोटिल हो जाते हैं जिसके बाद उन्हें रिटायर्ड हर्ट ही करना पड़ता है मगर अब इनकी जगह एक नए बल्लेबाज को खेलने का मौका मिल सकता है। हालांकि नया खिलाड़ी उन्हीं 15 सदस्यीय टीम से चुना जा सकता है।

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