नई दिल्ली (एएनआई)। देश में एक बार फिर एक नए चक्रवात 'यास' तूफान के रूप में तब्दील होने के आसार हैं। उत्तरी अंडमान सागर और उससे सटे पूर्वी मध्य बंगाल की खाड़ी में उठने वाले इस तूफान यास को लेकर हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने सूचित किया है कि आज से अगले 48 घंटे में उत्तरी अंडमान सागर और उससे सटे पूर्वी मध्य बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक लो प्रेशर एरिया बनने की संभावना है। इससे तूफान आ सकता है। ऐसे में भारतीय ​​तटरक्षक बल (आईसीजी) ने पूर्वी तट पर व्यापक एहतियाती उपाय शुरू कर दिए हैं और सभी तट, नाव और विमानन इकाइयां हाई अलर्ट पर हैं। चिकित्सा टीमों और एम्बुलेंस को स्टैंडबाय पर रखा गया है।

मौसम के बदलते रुख की बारीकी से निगरानी हो रही

बंगाल की खाड़ी में मौसम के बदलते रुख की बारीकी से निगरानी की जा रही है। इसके अलावा जहाजों को एंकरेज पर आश्रय लेने और आवश्यक सुरक्षा उपाय करने की सलाह दी गई है। नैवेटेक्स चेतावनी नियमित रूप से जारी की जा रही है और अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा नेट (आईएसएन) को सक्रिय कर दिया गया है, ताकि जहाजों को क्षेत्र में आने-जाने की चेतावनी दी जा सके। बंदरगाह प्राधिकरणों, तेल रिग संचालकों, नौवहन, मत्स्य अधिकारियों और मछुआरा संघों को चक्रवात बनने की संभावना के बारे में सूचित कर दिया गया है। नावों, जहाजों और स्थिर प्लेटफार्मों की सुरक्षा के लिए निकट संपर्क और समन्वय बनाए रखा जा रहा है।

चिकित्सा टीमों और एम्बुलेंस को भी तैयार रखा गया

हालांकि भारत के पूर्वी तट पर मछली पकड़ने पर प्रतिबंध लागू है लेकिन फिर भी समुद्र में काम कर रहे मछुआरों को मौसम की चेतावनी प्रसारित करके उन्हें निकटतम बंदरगाह पर लौटने के निर्देश लगातार दिए जा रहे हैं। आईसीजी ने संबंधित राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों की सरकारों से बंदरगाह में मौजूद मछली पकड़ने वाली नौकाओं की फुल डिटेल रखने का अनुरोध किया है। चक्रवात यास को देखते हुए तटरक्षक डोर्नियर विमानों और जहाजों, तटरक्षक आपदा राहत दल (डीआरटी), इन्फ्लेटेबल नावों को आपदा प्रतिक्रिया कार्य शुरू करने के लिए स्टैंडबाय पर रखा गया है।चिकित्सा टीमों और एम्बुलेंस को भी तैयार रखा गया है।

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