इंडियन ई-कॉमर्स में जोरदार ग्रोथ

उद्योग मंडल एसोचेम और प्राइस वाटरहाउस कूपर्स ने भारतीय ई-कॉमर्स इंडस्ट्री के ऊपर जारी रिपोर्ट में कहा है कि अगले साल भारतीय ऑनलाइन कस्टमर्स ई-कॉमर्स पर अपना खर्च बढ़ा सकते हैं. रिपोर्ट कहती है कि इंडियन ईकॉमर्स इंडस्ट्री इस समय 35 परसेंट की दर से बढ़ रही है. इस हिसाब से यह इंडस्ट्री अगले पांच सालों में 100 अरब डॉलर के पार पहुंच जाएगी जोकि फिलहाल 17 अरब डॉलर है. इस रिपोर्ट के अनुसार साल 2014 में इंडियन ई-कॉमर्स यूजर्स ने 6000 करोड़ अपनी ऑनलाइन शॉपिंग पर खर्च किए जोकि अगले साल बढ़कर 10000 करोड़ हो जाएगा.

बढ़ जाएंगे कस्टमर भी

अगर भारतीय ई-कॉमर्स यूजर्स की संख्या में होती बढ़ोतरी को देखा जाए तो 2015 तक ऑनलाइन शॉपर्स की संख्या 4 करोड़ से इनक्रीज होकर 6.5 करोड़ तक पहुंच जाएगी. उल्लेखनीय है कि रतन टाटा और अजीम प्रेमजी जैसे पारंपरिक बिजनेस पर्सनालिटीज ने भी इस इंडस्ट्री में इंवेस्टमेंट किया. इसके साथ ही रिपोर्ट में देशी ई-कॉमर्स प्लेयर्स को अमेजन के मुकाबले बेहतर स्थिति में बताया गया है.

अपियरल्स ने लाया बड़ा अंतर

ऐसोचेम के महासचिव डी एस रावत के अनुसार टोटल ऑनलाइन सेल में ड्रेसेज की बिक्री एक बड़ा रोल प्ले करती है. रावत ने कहा कि अपियरल की बिक्री बढ़ने से इंडस्ट्री को फायदा होगा. इसके साथ ही कुल सेल का 11 परसेंट मोबाइल बिक्री से आता है. इसके अलावा पर्यटन उद्दोग का 75 परसेंट हिस्सा ई-कॉमर्स पर टिका है. अगर बात करें ई-कॉमर्स की लॉजिस्टिक में लगे कर्मचारियों की बात करें तो इस समय भारतीय ई-कॉमर्स इंडस्ट्री की लॉजिस्टिक डिपार्टमेंट में 25 हजार लोग कार्यरत हैं जो साल 2020 तक 1 लाख तक पहुंच सकते हैं.

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