नई दिल्ली (पीटीआई)। भारतीय फुटबॉल कप्तान सुनील छेत्री ने गुरुवार को कहा कि नस्लवाद का बड़ा कारण अज्ञानता है। छेत्री ने यह टिप्पणी अमेरिका में अफ्रीकी-अमेरिकी जॉर्ज ग्रिड की मौत के बाद दुनिया भर में हिंसक विरोध प्रदर्शन को देखते हुए की। नस्लवाद की घटनाओं पर उनके विचारों के बारे में पूछे जाने पर, छेत्री ने कहा, 'हर किसी की तरह मुझे भी यह खबरा लगा है। यह काफी बुरा है। लेकिन ज्यादातर समय, यह अज्ञानता के कारण होता है, क्योंकि लोगों को इसके बारे में पता ही नहीं होता'

लोगों को नहीं पता होता, वो क्या कह रहे

छेत्री ने भारतीय फुटबॉल टीम के फेसबुक पेज पर एक लाइव चैट के दौरान कहा, "अगर आप उस व्यक्ति को सुनें, जो दूसरों पर नस्लभेदी टिप्पणी करता है। आप जानेंगे कि, उसे कुछ नहीं पता होगा। उन लोगों को अंदाजा भी नहीं होता कि वे क्या कह रहे।' छेत्री ने आगे कहा, 'आप किसी को रंग या जाति या धर्म के आधार पर देख रहे हैं तो इसका कोई मतलब नहीं है। इसमें कोई तर्क या सच्चाई नहीं है, यह नहीं किया जाना चाहिए।'

क्रिकेट में भी नस्लवाद का मुद्दा

नस्लवाद का मुद्दा फिलहाल क्रिकेट जगत में भी चल रहा है। वेस्टइंडीज के पूर्व कप्तान डेरेन सैमी के नस्लवाद के खुलासे के बाद क्रिकेट जगत में हलचल मच गई। सैमी का कहना है कि आईपीएल 2014 के दौरान जब वह सनराइजर्स हैदराबाद की तरफ से खेलते थे तो ड्रेसिंग रूम में उन्हें नस्लीय टिप्पणी का शिकार होना पड़ा था। सैमी ने बताया कुछ लोग उन्हें 'कालू' कहकर बुलाते थे। यह सिर्फ उनके साथ नहीं था बल्कि श्रीलंका के थिसारा परेरा को भी यही सुनना पड़ता था। इसको लेकर सैमी अब काफी गुस्से में हैं। यही नहीं विंडीज क्रिकेटर क्रिस गेल भी नस्लवाद का आरोप लगा चुके हैं। छेत्री ने कहा कि अगर लोगों को इस मुद्दे के बारे में जागरूक और शिक्षित किया जाता है, तो दुर्व्यवहार की घटनाओं में कमी आएगी।