दिनभर नही चली प्राइवेट हॉस्पिटल्स की ओपीडी

हजारों मरीज निराश होकर लौटे, सरकारी में लगी लाइन

ALLAHABAD: इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के आहवान पर शनिवार को प्राइवेट हॉस्पिटल्स की ओपीडी बंद रही। सुबह से शाम तक केवल इमरजेंसी सेवाएं चलाई गई। डॉक्टर्स ने धिक्कार दिवस के रूप में 12 घंटे की हड़ताल कर नेशनल मेडिकल कमीशन का जमकर विरोध किया। हालांकि, इस बीच मरीजों को खासी परेशानी हुई। उन्हे निराश होकर सरकारी हॉस्पिटल्स का रुख करना पड़ा।

लगी लंबी लाइन, शाम को सामान्य

नेशनल मेडिकल कमीशन के विरोध में शनिवार को सुबह छह से शाम छह बजे तक एएमए के डॉक्टरों न ओपीडी बंद रखी। इस दौरान उन्होंने सभा का आयोजन कर सरकार से कमीशन में बदलाव की मांग की। बता दें कि प्राइवेट ओपीडी नही चलने से 20 से 25 हजार मरीज परेशान हुए। इनमें से अधिकतम सरकारी हॉस्पिटल में चले गए तो कुछ ने घर लौटने में भलाई समझी। इसको लेकर सरकारी हॉस्पिटल्स में मरीजों की संख्या बढ़ने से लंबी लाइन लगी।

तीन बिदुओं पर जारी है विरोध

शनिवार को हुई एएमए की सभा में कमीशन के विरोध में धिक्कार दिवस का आयोजन किया गया, जिसमें एनएमसी के तीन बिंदुओं पर विरोध दर्ज कराया गया। कहा गया कि सरकार कमीशन के जरिए डाक्टरों पर शिकंजा कसने की कोशिश कर रही है। इसके चलते देशभर में आईएमए के बैनर तले विरोध किया जा रहा है। सभा में आईएमए के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ। अशोक अग्रवाल, एएमए अध्यक्ष डॉ। अनिल शुक्ला, डॉ। एपी सिंह, डॉ। केसी श्रीवास्तव, डॉ। आशुतोष गुप्ता, डॉ। राजेश मौर्या आदि शामिल रहे।

बिंदु नंबर एक

एमसीआई में प्रत्येक राज्य से तीन-तीन प्रतिनिधि होते थे लेकिन कमीशन में तीन की जगह छह आईएएस होंगे। इसके लिए अलग-अलग यूनिवर्सिटी के 15 वाइस चांसलर को इसमें रखा गया है। विभिन्न राज्यों से महज पांच नामित सदस्य रखे जाएंगे। जिससे बाकी राज्यों की आवाज दबकर रह जाएगी।

बिंदु नंबर दो

कमीशन के तहत एमबीबीएस की अंतिम परीक्षा पूरे देश में एक साथ कराई जाएगी। आईएमए का आरोप है कि इससे छात्रों का शोषण बढ़ेगा। क्योंकि प्रत्येक राज्य की भाषा, बीमारी या परिस्थतियां भिन्न है। ऐसे में पास नही होने से छात्र की डिग्री अमान्य होगी और उसका भविष्य अंधकार में चला जाएगा।

बिंदु नंबर तीन

सरकार प्राइवेट कॉलेजों की पचास फीसदी फीस मैनेजमेंट डिसाइड करेगा। इससे फीस अधिक हो जाएगी और गरीब बच्चा मेडिकल की पढ़ाई हासिल नही कर सकेगा। इससे मैनेजमेंट कोटे को बढ़ावा मिलेगा।