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LUCKNOW : मंगलवार को अयोध्या राममय हो गयी। हर सड़क से लेकर गलियों तक सिर्फ रामनाम की धुन सुनाई दे रही थी तो सुंदर तरीके से सजे भवन दूर-दूर तक अपनी आभा बिखेर रहे थे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और दक्षिण कोरिया की फस्र्ट लेडी के आगमन ने इस वर्ष दीपोत्सव को नयी पहचान दी। इस अवसर पर सूचना विभाग की तरफ से राजधानी से अयोध्या तक फोरलेन के किनारे लगाई गई होर्डिंग्स में दीपोत्सव के विविध आयोजनों की झलक नजर आई। चार देशों के कलाकारों द्वारा प्रस्तुत रामलीला ने अयोध्या के लोगों का दिल जीत लिया।

वाटर शो का आयोजन

दीपोत्सव पर रामकीपैड़ी पर 15 मिनट का वाटर स्क्रीन प्रोजेक्शन शो आयोजित किया गया। यह पहला मौका है, जब अयोध्यावासियों को इस प्रकार से रामलीला देखने का अवसर मिला। इस शो में भगवान के जन्म, विवाह, कैकेई प्रसंग, वनगमन, ताड़का वध, जटायु प्रसंग, राम-रावण युद्ध व राज्याभिषेक तक के प्रसंग को शामिल किया गया।पानी पर लेजर से 60 फिट लंबी और 40 फिट ऊंची वॉल बनाई गई, जिसमें लाइट, साउंड और म्यूजिक से रामजन्म से लेकर राज्याभिषेक तक के प्रसंग पर आधारित लघु फिल्म दिखाई गई। गत वर्ष दीपोत्सव पर लेजर शो दिखाया गया था, लेकिन इस बार वाटर स्क्रीन प्रोजेक्शन दिखाया गया। यह शो लोगों के आकर्षण का केंद्र रहा। दीपोत्सव पर देश के साथ ही विदेशी संस्कृति की भी झलक मिली। लाओस, त्रिनिडाड और कोरियाई कलाकारों के दल ने अपनी प्रस्तुतियों से इस उत्सव को यादगार बना दिया। अलग-अलग झांकी के साथ अलग-अलग राज्यों के लोककलाकारों ने अपनी प्रस्तुतियों से हर प्रसंग की विशिष्टता को व्यक्त किया। छाऊ लोकनृत्य, पाल लोकनृत्य, पंथी लोकनृत्य, कलावेदी, अवध के फरुवाही, आजमगढ़ के धोबिया, राई व पाई-डंडा आदि की प्रस्तुति ने झांकी के साथ कदमताल कर दीपोत्सव को यादगार बनाया तो हरियाणवी नगाड़े ने उल्लास और उत्साह की मुनादी की।

रिश्तों को मिली नई पहचान

दीपोत्सव ने अयोध्या की संस्कृति को विश्व पटल पर नई पहचान दिलाने के साथ ही दक्षिण कोरिया से संबंधों को नया आयाम दिलाने का कार्य किया। अयोध्या से दक्षिण कोरिया का रिश्ता यूं तो सदियों पुराना है। इसे सहेजने में मोदी और योगी सरकार ने सियासी इच्छाशक्ति दिखाई। पिछले दीपोत्सव पर योगी ने अयोध्या के विकास के लिए 133 करोड़ की परियोजनाओं का तोहफा दिया था, जिसमें क्वीन'हो'मेमोरियल पार्क को खास महत्व दिया गया था। इस बार योगी ने 176 करोड़ का उपहार दीपोत्सव दिया है, जिसमें क्वीन हो पार्क के विस्तारीकरण पर सरकार 24.66 करोड़ रुपया खर्च करेगी। दरअसल अयोध्या के जरिये दक्षिण कोरिया से संबंधों को साधने के पीछे भावनात्मक कारण भी है। कोरिया के करक वंश की पितामही रानी हो अयोध्या की राजकुमारी थीं। करीब दो हजार वर्ष पूर्व वे कोरिया चली गई थीं, जहां उनका विवाह करक वंश के राजा सूरो से हुआ था। इस तरह अयोध्या और दक्षिण कोरिया के बीच पारिवारिक रिश्ता भी है।

रही कड़ी सुरक्षा व्यवस्था

दीपोत्सव के लिए बड़ी संख्या में जुटे वीवीआइपी की सुरक्षा में दिनभर पुलिसकर्मी रामनगरी के मार्गों पर दौड़ते नजर आए। सड़क से लेकर नदी तक सुरक्षाकर्मी तैनात रहे। पाबंदियों से रामनगरी भी जूझती रही।  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा रात्रि विश्राम फैजाबाद सर्किट हाउस में करने की वजह से आसपास के क्षेत्र के कड़ी सुरक्षा व निगरानी में रखा गया है। वहीं लखनऊ से चलकर सड़क मार्ग से अयोध्या पहुंची दक्षिण कोरिया की प्रथम महिला की हिफाजत में हाइवे पर सुरक्षा कर्मी कतारबद्ध नजर आए। करीब दो हजार पुलिस कर्मियों पर दीपोत्सव संपन्न कराने की जिम्मेदारी थी।

जगमग हुआ हाईवे

यूपी व बिहार को जोडऩे वाले एनएच 28 पर लगभग 130 किलोमीटर में लगभग दो सौ होर्डिंग्स लगाई गई थी, इनमें भगवान राम से जुड़े प्रसंग के साथ दीपोत्सव की महत्ता बयां हुई। खास डिजाइन में तैयार की गई होर्डिंग बरबस लोगों को अपनी तरफ आकर्षित करती रही। होर्डिंग्स में पर्यटन को बढ़ावा देते हुए खास स्लोगन लिखे गए, जैसे यूपी नहीं देखा तो इंडिया नहीं देखा। सूचना विभाग के मुताबिक राजधानी से लेकर सफेदाबाद, बाराबंकी, सफदरगंज, भिटरिया, रामसनेही घाट, रानीमऊ, मवई, रौजागांव, भेलसर, सत्तीचौरा, रौनाही, सहादतगंज होते हुए अयोध्या तक होर्डिंग्स लगी। फोरलेन-दीपोत्सव की खास मेहमान दक्षिण कोरिया की प्रथम महिला के स्वागत का गवाह बना। फोरलेन पर उनके स्वागत को अंग्रेजी भाषा में होर्डिंग्स लगी थी।

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