इंडियन रेलवे की ट्रेन, कोच, स्टेशन और उसकी बेडिंग्स की ब्रांडिंग करने की योजना बना रही है. लगातार घाटे की मार झेल रही भारतीय रेल को उम्मीद है की इस योजना के कारगर होने पर वो करीब 9000 करोड़ तक कमा सकेगी.  रेलवे बोर्ड मेंबर्स की की टीम से बनी एक टास्क फोर्स इस बारे में पूरी योजना बना कर 30 अप्रैल तक अपनी रिपोर्ट सौपेगी.  

रेलवे से जुड़े एक संगठन ने अपनी एक स्टडी में पता लगाया है ट्रेनों और स्टेशनों की ब्रांडिंग करके रेलवे करीब 9000 करोड़ तक कमा सकता है. इस जानकारी के बाद रेल मंत्री सुरेश प्रभू  ने टास्क फोर्स का गठन करके सारी जानकारी इकठ्ठे करने की जिम्मेदारी सौंपी. इसमें करपोरेट ब्रांडस को बोली लगा कर स्टेशनों और ट्रेनों की ब्रांडिंग करने के अधिकार हासिल करने होंगे.  प्रभु को ये विचार काफी पसंद आया है और वो इसे योजनाबद्ध तरीके से आगे बढ़ाने को रेडी हैं.

इससे पहले ये भी खबर आयी थी कि रेलवे के विकास के नए रास्ते ढू़ढने के लिए बिबेक देबरॉय की अध्यक्षता में बनाए गए एक पैनल ने अपने सुझाव रेल मंत्रालय को सौंपते हुए कहा था कि प्राइवेट कंपनियों को ट्रेन चलाने की इजाजत मिलनी चाहिए और रेलवे के पास बस नीति र्निधारण का ही काम होना चाहिए.

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