proud टू बी एन इंडियन

हम भारतीय अपनी नौकरियों से दुनिया में सबसे ज्यादा संतुष्ट हैं. लगभग हर पांच में से एक भारतीय अपने काम से इतना संतुष्ट है

कि वह मुफ्त में भी नौकरी कर सकता है. यह निष्कर्ष ऑनलाइन करियर सॉल्यूशन प्रदाता मॉन्सटर वल्र्डवाइड व शोध फर्म जीएफके ने

अपने सर्वेक्षण के आधार पर निकाला है.

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सर्वेक्षण रिपोर्ट में कहा गया कि करीब 55 फीसद भारतीय कर्मचारी अपने काम को बेहद पसंद करते हैं. इसके चलते इंटरनेशनल

हैपीनेस रैंकिंग इंडेक्स में भारत को तीसरा स्थान हासिल हुआ है. इस मामले में भारत से आगे केवल कनाडा और नीदरलैंड रहे. कनाडा

के 64 और नीदरलैंड के 57 फीसद कर्मचारी अपने काम को बेहद पसंद करते हैं.

जर्मनी सबसे दुखी

सात देशों के 8,000 कर्मचारियों पर किए गए इस सर्वे में अमेरिका चौथे स्थान पर रहा है. 53 फीसद अमेरिकी कर्मचारी अपना काम

काफी भाता है. इसके बाद ब्रिटेन (46 फीसद कर्मचारी) पांचवे और फ्रांस (43 फीसद कर्मचारी) के साथ छठे स्थान पर रहा. जर्मनी को

सबसे निचला यानी सातवां स्थान हासिल हुआ. यहां के 35 फीसद कर्मचारी ही अपने काम को पसंद करते हैं.

फ्री में काम

सर्वे में शामिल भारत के करीब 18 फीसद कर्मचारियों ने कहा कि उन्हें अपना काम इतना पसंद है कि यदि उन्हें यह मुफ्त में भी

करना पड़े तो वे करेंगे. केवल पांच फीसद भारतीयों ने ही स्वीकार किया कि उन्हें अपनी नौकरी पसंद नहीं है. इसके अलावा एक भी

कर्मचारी ने यह नहीं कहा कि वह अपने काम से नफरत करता है. बाकी देशों में ऐसे कर्मचारियों की पर्याप्त संख्या है.

पैसे से नहीं खरीद सकते खुशी

मॉन्सटर डॉट कॉम के एमडी संजय मोदी ने कहा कि सर्वे के नतीजे मौजूदा कारोबारी स्थितियों और कर्मचारियों की इस सोच को

प्रदर्शित करते हैं कि वे कोई जोखिम उठाए बिना सुरक्षित रहना चाहते हैं. सर्वे से यह भी साबित हुआ है कि पैसे से खुशी नहीं खरीदी

जा सकती. औसत वेतन पाने वाले कर्मचारी भी मोटी सैलरी पाने वालों से ज्यादा खुश पाए गए. मध्यम आय वाले करीब 60 फीसद कर्मियों ने कहा कि वे अपने काम को काफी पसंद करते हैं. ज्यादा आय वाले केवल 52 फीसद कर्मचारियों ने ऐसा कहा. हालांकि सबसे कम आय वाले केवल 47 फीसद कर्मचारियों ने ही यह कहा कि वे अपने काम को बेहद पसंद

करते हैं.

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