मिर्गी की दवाएं ले रही थीं

चर्चित शीना बोरा हत्याकांड मामले में हो रही जांच मामले में एक बार फिर एक बड़ा भूचाल आ गया है। इस मामले की मुख्य आरोपी इंद्राणी मुखर्जी के सुसाइड किए जाने का मामला सामने आया है। जिसमें 43 साल की इंद्राणी को बेहोशी की हालत में शुक्रवार को भायखला जेल से जे.जे अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां पर जेजे अस्पताल के डीन डॉ. टीपी लहाने का कहना था कि हिंदुजा अस्पताल से इंद्राणी के मूत्र के नमूने की एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ है। जिसमें उनके शरीर में अवसाद रोधक दवा 'बेंजोडाइजेपाइन' का स्तर अधिक पाया हुआ है। आमतौर पर यह जो मरीज अवसाद रोधी दवा का सेवन करता है कि उसके मूत्र में यह स्तर सिर्फ 200 होता है, लेकिन इंद्राणी में यह स्तर करीब 2088 मिला है। जिससे साफ है कि इंद्राणी ने दवा का डोज काफी ज्यादा लिया है। जिसकी वजह से वह बेहोश हुई और उनकी हालत बिगड़ी। बताते चलें कि इंद्राणी मिर्गी की दवाएं ले रही थीं। उन्हें पिछले 11 सितंबर से मिर्गी के दौड़े पड़ने शुरू हो गए थे।

ओवरडोज को नकार दिया

ऐसे में अस्पताल 48 घंटे की ज्यादा क्रिटिकल के हिसाब से भर्ती इंद्राणी के मामले में फॉरेंसिक लैब ने ओवरडोज को नकार दिया है। इस मामले में सरकारी फॉरेंसिक लैब के उप निदेशक डॉ. नितिन चुटके का कहना है कि उनके पास जो नमूने आए हैं उनमें ऐसा कुछ नहीं है। रक्त और मूत्र के नमूनों तथा बड़ी आंत की जांच (स्टमक वॉश) के नतीजे सभी नकारात्मक आए हैं। इन नमूनों में दवा का कोई भी अंश नहीं मिला। ऐसे में साफ है कि दवा की अधिक खुराक की कोई आशंका नहीं है। जिससे अब तो अलग अलग रिपोर्ट के चलते इस मामले में रहस्य और गहरा होता जा रहा है। इस संबंध में मुख्य गृह सचिव (कारागार) विजय सतबीर सिंह का कहन है कि इस मामले के तार हर पहलू से जोड़ से जा रह है। जिसमें यह भी देखा जा रहा है कि इंद्राणी ने खुद सुसाइड की कोशिश की है या फिर उन्हें कोई जहरीला पदार्थ दिया गया है। ऐस में दोषी के खिलाफ सख्त कार्यवाई होगी।

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