-ठेकेदार के साले देवेंद्र पर जाकर टिकी पुलिस की जांच, पिता को पकड़ा

-देवेंद्र के नाबालिग नौकरानी से थे प्रेम संबंध, दो बार पकड़ा गया, हुई थी पिटाई

BAREILLY: सीबीगंज के परसाखेड़ा में इंडस्ट्रियलिस्ट एसके अग्रवाल, पत्‍‌नी मधुलिका और नाबालिग नौकरानी की हत्या की वजह नौकरानी के प्रेम संबंध निकलकर आ रहे हैं। कोठी में किराये पर रह रहे ठेकेदार के साले से नौकरानी के प्रेम संबंध हो गए थे। एक बार मालकिन के अलावा अन्य किरायेदारों ने मिलकर पिटाई की थी और उसे चेतावनी भी दी थी। लिहाजा, पुलिस की जांच देवेंद्र के ईर्द-गिर्द घूम रही है। खुलासे के लिए क्राइम ब्रांच के साथ एसटीएफ भी लगा दी गई है। पुलिस प्रापर्टी विवाद के अलावा अन्य पहलुओं पर भी जांच कर रही है, लेकिन मृत उद्यमी के भाई और बेटे ने प्रापर्टी विवाद से साफ इनकार कर दिया है।

दो बार दी गई थी देवेंद्र को चेतावनी

ठेकेदार जयप्रकाश का देवेंद्र सगा साला नहीं है। वह शम्सी की निबाड़ फैक्ट्री में काम करता था। वह कोठी में बने कमरों में ही रहता था और ठेकेदार जयप्रकाश के घर पर आता जाता था। इसी दौरान उसके नाबालिग नौकरानी अंशू से प्रेम संबंध हो गए। कुछ महीने पहले इस बारे में जब शम्सी को पता चला था तो उन्होंने देवेंद्र को डांट लगाई थी और उसे नौकरी से भी निकाल दिया था। वाबजूद इसके वह आता जाता रहा। जन्माष्टमी के वक्त उसे मधुलिका ने नौकरानी के साथ पकड़ लिया था। उन्होंने उसकी पिटाई भी कर दी थी। जिसके बाद किराये पर रहने वाले अन्य लोगों ने भी उसकी पिटाई की थी और फिर उसकी शिकायत करने पुलिस में जा रहे थे, लेकिन बाद में उसे चेतावनी दी थी कि वह कभी नजर न आए। पुलिस और परिजनों को भी लगता है कि शायद देवेंद्र ने नौकरानी या फिर मालकिन से बदला लेने के लिए हत्या की हो। पुलिस ने देर रात उसके एटा स्थित घर पर दबिश दी लेकिन वह नहीं मिला। पुलिस ने उसके पिता को पकड़ लिया है और पूछताछ कर रही है।

नौकर होरीलाल भी है लापता

एसके अग्रवाल के घर में एक नौकर होरी लाल भी काम करता था। वह कई दिनों से गायब है। सर्विलांस से पुलिस को उसकी लोकेशन पश्चिम बंगाल में मिल रही है। वह घर का सारा काम देखता था। हो सकता है कि उसने किसी के साथ मिलकर वारदात को अंजाम दिया हो। संडे को सीओ, क्राइम ब्रांच, एसटीएफ की टीमों ने परिजनों के साथ-साथ ठेकेदार की पत्‍‌नी के साथ भी देर तक पूछताछ की। ठेकेदार के नाबालिग बेटे ने भी नौकरानी और देवेंद्र के संबंध और पिटाई की बात बताई है।

लूट नहीं ये तो सिर्फ मर्डर हैं

पुलिस शुरुआत में मानकर चल रही थी कि लूट के लिए हत्याएं की गई हैं, लेकिन पुलिस अब इसे सिर्फ हत्या मानकर ही चल रही है। क्योंकि घर से कोई भी सामान लूटा नहीं गया है बल्कि सामान को बिखेरा गया है ताकि लूट लगे। एसके अग्रवाल के भाई सतीश अग्रवाल ने बताया कि मधुलिका कभी सोने की ज्वैलरी पहनती ही नहीं थीं। घर में आर्टिफिशियल ज्वैलरी रखी मिली और हाथ में तीन अंगूठी, 4 चूड़ी भी ि1मली हैं।

चोटें बता रहीं कि कितनी बेरहमी से काटा

पुलिस के पंचनामा के अनुसार एसके अग्रवाल के शरीर पर चोट के 9 निशान हैं। जिनमें ठोढ़ी, ठोढ़ी के ऊपर, गाल पर चार चोट, आंख, और मांथे पर दो चोट के निशान हैं। इसी तरह मधुलिका के शरीर पर भी सिर के पीछे, दाहिने पैर के टखने, सीने,, बाएं पैर की एड़ी, बांए कंधे पर 5 चोट के निशान हैं। इसके अलावा अंशु के शरीर पर बाएं हाथ की कलाई, हथेली, दाएं हाथ की कोहनी, हथेली, चेहरे, माथे, नाक, होठ, सिर में दाहिनी ओर और बांयी कनपटी पर चोट के निशान हैं।

पहले जॉब ही करते थे सुधीर

भाई सतीश अग्रवाल ने बताया कि तीनों भाई पहले जॉब करते थे। एसके अग्रवाल सबसे छोटा थे। वह इंडोनेशिया में मैगरिन बनाने वाली इंडियन फैक्ट्री में काम करता थे। 1976 से 1990 तक उन्होंने जॉब की। वहां से वह किन्हीं कारणों के चलते बरेली वापस आ गए और डॉक्टर प्रमोद स्वरूप की ऑयल फैक्ट्री में काम करने लगे। उसके बाद उसने खुद की फैक्ट्री शुरू कर दी। किन्हीं कारणों से वर्ष 2001 में फैक्ट्री बंद हो गई। सुधीर ने कोठी 1993 में बनवानी शुरू की थी और इसे बनने में दो साल लगे थे। उन्होंने भव्य तरीके से मंदिर का निर्माण कराया था। वह वर्ष 2006 में पैरालाइज्ड हो गए। उनका कोई विवाद नहीं रहा है।

चोर की आहट पर पहले आई थी पुलिस

सुधीर अग्रवाल का बेटा हितेश अग्रवाल संडे सुबह हैदराबाद से घर पहुंच गया। हितेश ने प्रापर्टी और रंजिश के विवाद से साफ इनकार किया है। उसकी फ्राइडे मां से फोन पर बात हुई थी। उन्हें नौकरानी और देवेंद्र के रिलेशन के बारे में भी नहीं पता है। बदायूं निवासी हितेश के मामा मनीष ने बताया कि उन्हें भी देवेंद्र पर शक है। देवेंद्र और नौकरानी के संबंध थे और उनकी फुफेरी बहन ने देवेंद्र की पिटाई की थी। एक महीने पहले एक चोर आने ही आहट हुई थी तब एसओ इज्जतनगर आए थे और देखकर चले गए थे। यदि पुलिस ने तभी कोठी पर नजर रखनी शुरू कर दी होती तो शायद वारदात को टाला जा सकता था।

कैसे भी करो केस वर्कआउट

दोपहर में सीओ टू स्नेहलता पुलिस के साथ परिजनों से पूछताछ के लिए पहुंचीं तो परिजनों का गुस्सा साफ देखा गया। परिजन कहने लगे कि लगातार उनके ही परिवार से पूछताछ की जा रही है, लेकिन 24 घंटे बाद भी मुल्जिमों को गिरफ्तार नहीं किया गया है। उन्होंने साफ कह दिया कि कैसे ही भी हो केस वर्कआउट होना चाहिए। सीओ ने क्राइम ब्रांच और एसटीएफ की मौजूदगी में बेटे, बेटी, रिश्तेदारों और ठेकेदार की पत्‍‌नी से भी देर तक पूछताछ की।

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आखिर कब सिटी में सेफ हाेंगे बुजुर्ग

सिटी में बुजुर्ग सेफ नहीं है। खासकर वे बुजुर्ग जिनके बच्चे घर से बाहर रह रहे हैं। पिछले कई वर्षो से बुजुर्ग बदमाशों के निशाने पर हैं। बीते वर्षो में सुरेश शर्मा नगर ट्रिपल मर्डर, प्रेमनगर के इंद्रा नगर में बुजुर्ग टीचर, सुरेश शर्मा नगर डबल मर्डर, के अलावा कई अन्य बुजुर्ग बदमाशों का शिकार हुए हैं। अब एक बार फिर से ट्रिपल मर्डर में एसके अग्रवाल और उनकी पत्‍‌नी की हत्या के बाद बुजुर्गो की सिक्योरिटी पर सवाल खड़े हो गए हैं। बस सभी के जेहन में एक ही सवाल उठ रहा है कि कब बुजुर्ग सेफ होंगे और पुलिस उनकी सेफ्टी की जिम्मेदारी लेगी।

कुछ दिन दिखाती है पुलिस तेजी

अक्सर देखने में आता है कि जब भी किसी बुजुर्ग के साथ कोई वारदात होती है तो पुलिस एक्टिव दिखने लगती है। इससे पहले भी कई बार बुजुर्गो की सेफ्टी के दावे किए गए, लेकिन हकीकत कुछ और ही। देखा जाए तो पुलिस के पास सिटी में अकेले रहने वाले बुजुर्गो का कोई रिकॉर्ड हीं है। जबकि यदि पुलिस को थाना और चौकी वाइज बुजुर्गो के बारे में पता हो तो उन पर निगरानी रखी जा सके। पुलिस ने दो बार सीनियर सिटीजन की सिक्योरिटी के लिए कैंप लगाए। कुछ बुजुर्गो को कार्ड भी दिए गए और उन्हें पुलिस के नंबर भी दिए गए लेकिन पुलिस किसी के घर में कभी उनका हाल जानने नहीं पहुंची होगी।

अंधेरी रात में पुलिस रहेगी सतर्क

अकेले रहने वाले बुजुर्गो के साथ हुई वारदातों के बाद एक बार पुलिस फिर से एक्टिव हो रही है। इसके लिए पिछले 10 वर्षोंका रिकार्ड तैयार किया जा रहा है। अकेले रहने वाले बुजुर्गो के बारे में पता लगाया जा रहा है। जिन कालोनियों में ज्यादा खतरे का डर हैं वहां पर गश्त भी बढ़ाने की बात चल रही है। पुलिस ज्यादा ध्यान अंधेरे वाली रात पर कर रही है क्योंकि अंधेरी रातों में ज्यादा वारदातों को अंजाम दिया जाता है।