-आई नेक्स्ट ने कैद किया पीएसके पर सक्रिय दलालों को

-दो अलग-अलग डेट पर सर्च अभियान में दलालों की सच्चाई आई सामने

- चंद कदम पर पुलिस चौकी फिर भी दलाल हैं सक्रिय

BAREILLY पासपोर्ट सेवा केंद्र (पीएसके) कैंपस के दलाल शिकार को पलक झपकते ही भांप लेते हैं। चंद दिनों में पासपोर्ट बनवाने का दावा करने वाले ये दलाल एप्लीकेंट्स से मोटी रकम वसूल रहे हैं। चंद कदम की दूरी पर ही पुलिस चौकी बनी हुई है, फिर भी दलालों की सक्रियता बढ़ती ही जा रही है। खुद से पासपोर्ट बनवाने आ रहे एप्लीकेंट्स को दलाल कैंपस के बाहर ही घेर ले रहे हैं, ताकि पासपोर्ट जल्द बनवाने का लालच देकर फांस सकें। दलाली का मकड़जाल इस कदर फैला हुआ है कि, पीएसके कैंपस के आस-पास हर रोज दलालों का वहीं चेहरा देखने को मिल जाता है। आई नेक्स्ट की टीम ने कुछ ऐसे ही दलालों को अपने कैमरे में कैद करने का प्रयास किया है। दो अलग-अलग डेट को क्लिक किए गए फोटो में कैसे एक ही सख्स पीएसके के पास अपना डेरा जमाए हुए हैं। आइए हम आपको बताते हैं।

कैमरे में कैद हुए दलाल

पासपोर्ट अधिकारी राम सिंह ने कुछ दिन पहले एसएसपी को शक की वजह से कुछ डॉक्यूमेंट वेरीफाई के लिए भेजा था। हालांकि अभी पुलिस वेरीफिकेशन रिपोर्ट पासपोर्ट अधिकारी को नहीं मिली है, लेकिन इस बात को संज्ञान में लेकर आई नेक्स्ट ने दलालों का चेहरा सामने लाने के लिए छानबीन शुरू कर दी थी। एक वीक तक सर्च अभियान चलाकर हम आखिरकार दलालों को कैमरे में कैद कर पाने में कामयाब रहे। वेडनसडे को हमने जब दलालों को कैमरे में कैद करना शुरू किया तो दलाल अपना अड्डा छोड़कर भागते नजर आए। हालांकि, इन सबके बावजूद क्ख् नवंबर और क्9 नवंबर को हमने जो फोटो क्लिक की उसमें एक ही सख्स है। दलालों से एप्लीकेंट्स बनकर की गई बातचीत के अंश भी हमारे पास मौजूद हैं।

नहीं बदलता इनका अड्डा

दलालों ने भले ही एक प्लेस को अपना टेम्परेरी अड्डा बना रखा हो, लेकिन वह अपना अड्डा बदलना मुनासिब नहीं समझते हैं। पेड़ के नीचे, पीएसके के आस-पास लगने वाला ठेला या फिर गुमटी ही इनके काम करने का अड्डा बना है। कभी कभार दूर-दराज के एप्लीकेंट्स जिस गाड़ी से आते हैं उसी गाड़ी में बैठक कर दलाल और एप्लीकेंट्स के बीच डील शुरू हो जाती है।

सब कुछ लीगल का झांसा

दलालों का सबसे अधिक शिकार गांव से आने वाले कम पढ़े लिखे एप्लीकेंट्स ही होते हैं। ज्यादा जानकारी नहीं होने के कारण एप्लीकेंट्स दलालके जाल में आसानी से फंस जाते हैं। अपने इल्लीगल काम को भी ये दलाल लीगल बताकर मासूमों को ठगते हैं। बर्थ सर्टिफिकेट और एफीडेविड बनाने में फर्जी मुहर और सिग्नेचर का इस्तेमाल किया जाता है।

पुलिस चौकी है मगर

पीएसके से चंद कदम की ही दूरी पर पुलिस चौकी बनी हुई है। फिर भी दलालों की गतिविधियां दिन ब दिन बढ़ती ही जा रही हैं। वहीं पासपोर्ट अधिकारियों ने शक के दायरे में आए कुछ डॉक्यूमेंट को एसएसपी के पास जांच के लिए भेजा भी है। इसके बाद भी पुलिस अपना ढुलमुल रवैया अपनाए हुए हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक पुलिस की चूक काही नतीजा है कि पीएसके के आस-पास दलालों का मकड़जाल बढ़ता जा रहा है।