Crime against women on rise

स्टेट कैपिटल पटना में ही क्राइम अगेंस्ट वीमेन डाटा पर गौर करें तो केसेज लगातार बढ़े हुए मिलेंगे। स्टेट क्राइम रिकार्ड ब्यूरो के अनुसार वर्ष 2010 में क्राइम अगेंस्ट वीमेन के कुल 6,790 केस रजिस्टर हुए जबकि वर्ष 2011 में 8,141 और वर्ष 2012 में फिगर 9,795 केसेज तक पहुंच गया है। इनमें ज्यादातर केस रेप, मर्डर, किडनैपिंग, दहेज और इव टीजिंग के हैं। सबसे शॉकिंग यह है कि मैक्सिमम विक्टिम्स माइनर और टीनएज गल्र्स हैं। कड़े punishment की जरूरत

बिहार चाइल्ड राइट्स प्रोटेक्शन कमीशन की चेयरपर्सन निशा झा का कहना है कि ऐसी घटनाएं सोसाइटी के लिए जहर हैं। अगर एक को कड़ी सजा मिलेगी तो बाकी भी ऐसा करने के पहले सोचेंगे। कानून बदलने से भी जस्टिस नहीं मिलता पनिशमेंट प्रोसीजर बदलना होगा, स्पीडी ट्रायल होना चाहिए।

हम हैं आपके friend

महिला थानाध्यक्ष मृदुला कुमारी के अनुसार पटना में स्पेशली माइनर और टीनएजर्स के केस को वीमेन पुलिस इंवेस्टीगेट करती हैं। पहले उन्हें गुड फेथ में लेकर फ्रेंड होने का अहसास दिलाते हैं। इसके लिए हमलोगों को टाइम-टू-टाइम एटीट्यूड और बिहेवियर ट्रेनिंग भी दी जाती है। सीनियर ऑफिसर्स भी हर तरह के केस में हमें अपनी गाइडेंस देते ही हैं।

Crime against women in state

Year    no। of cases                    

2010    6,790

2011    8,141

2012    9,795

Differentiate between good and bad touch

क्राइम अगेंस्ट माइनर से बच्चों, स्पेशली गल्र्स को प्रोटेक्ट करने के लिए हर मां को अपने बच्चों को गुड टच और बैड टच का डिफरेंस जरूर बताना चाहिए। साइकोलॉजिस्ट डॉ। प्रतिभा सिंह ने बताया कि कई बार बच्चे इंनोसेंस, फीयर या शेम के कारण घरवालों को अपने साथ हो रही ज्यादतियों के बारे में नहीं बताते। इसी कारण बच्चे कई बार किसी न किसी तरह की क्राइम के शिकार हो जाते हैं। विक्टिम गर्ल या ब्वाय दोनों ही हो सकते हैं, इसलिए मां को बच्चों को उनके लैंग्वेज में ही सोसाइटी में हो रही इस तरह की घटनाओं के बारें मे जरूर जानकारी देनी चाहिए।

Tips

- मदर को बच्चे का कांफिडेंस जीतना चाहिए।

- उन्हें ध्यान रखना चाहिए कि बच्चा किससे मिलता है।

- कुछ भी अनवांटेड होने पर बच्चे को जोर से चिल्लाने, वहां से भागने और संकोच नहीं करने की ट्रेनिंग देनी चाहिए।

- बच्चे को एहसास दिलाना चाहिए कि यदि वो आपसे कुछ शेयर करता है तो आप उसके साथ हैं।

- उन्हें बताएं कि अगर कोई डराता या धमकाता हो तो तुरंत बताएं।

- मां को एलर्ट रहना चाहिए उन्हें बच्चे के कपड़े या शरीर पर पड़े किसी तरह के भी निशान को चेक करना चाहिए।

- बच्चे के बिहेवियर को नोटिस करते रहना चाहिए।

पूरे क्राइम को समग्र रूप से देखने की जरूरत है। पुलिस रिकार्ड में रजिस्टर्ड क्राइम में ज्यादातर नम्बर किडनैपिंग की होती है जिसमें पैरेंट्स के सख्ती करने पर बच्चे भागकर शादी कर लेते हैं। जहां तक बिहार की बात है हम क्राइम अगेंस्ट वीमेन को सेंसिटिवली हैंडल करते है। हाल ही में कटिहार में भी करीब दिल्ली गुडिय़ा रेप केस जैसी घटना घटी थी जिसमें हमने 24 घंटे के अंदर चार्जशीट फाइल किया और छह दिनों में कोर्ट ने आरोपी को मौत की सजा सुनाई। ऐसा करनेवाला बिहार देश का पहला स्टेट है।

अरविंद पांडे

आईजी, सीआईडी (वीकर सेक्शन)

sumita.jaiswal@inext.co.in