-उत्तराखंड में इस बार बने 1,62, 274 युवा वोटर

-अभी युवा वोटर्स में इजाफा होने की बाकी है उम्मीद

DEHRADUN : लोकसभा चुनाव ख्0क्ब् के लिए चुनाव आयोग ने उत्तराखंड में करीब दो लाख नए युवा वोटर्स का टारगेट निर्धारित किया हुआ था। ख्भ् जनवरी मतदाता दिवस के अलावा फरवरी, मार्च आखिरी तक तमाम स्पेशल कैंपेन शुरू किए, लेकिन फ्क् जनवरी ख्0क्ब् प्रदेश में पांच लोकसभा सीट के लिए इस बार क्,म्ख्, ख्7ब् युवा वोटर बने हैं, हालांकि अप्रैल तक ऐसे युवा वोटर्स की संख्या में इजाफा होकर पौने दो लाख तक पहुंच सकता है। साफ है कि ऐसे युवा वोटर्स पर अब राजनीतिक पार्टीज की नजरें टिकी हुई हैं। जाहिर है कि इन युवा वोटर्स पर राजनीतिक पार्टीज व कैंडिडेट्स सोशल मीडिया, स्टूडेंट्स विंग्स के जरिए डोरे डालने शुरू कर दिए हैं, जहां उनके सामने इंप्लॉयमेंट का चारा सबसे ज्यादा प्रयोग किया जा रहा है।

पौने दो लाख तक पहुंच सकती है

आयोग के तमाम प्रयासों के बीच इस बार लोकसभा चुनाव ख्0क्ब् के लिए जनवरी तक क्,म्ख्, ख्7ब् युवा वोटर वोटर बने हैं, हालांकि फरवरी व मार्च में स्पेशल कैंपेन में भी युवा वोटर्स ने अपने रजिस्ट्रेशन किया था, जिनकी संख्या में अभी इजाफा होने का अनुमान है। फिलहाल जनवरी के आंकड़ों के मुताबिक कुल क्,म्ख्, ख्7ब् युवा वोटर में भ्8,9म्ब् ग‌र्ल्स व क्,0फ्,फ्क्0 ब्वॉयज युवा वोटर्स शामिल हैं, जिनकी पहली बार वोट देने को अधिकार मिला है। आयोग के मुताबिक इसमें खास बात ये है कि इन सब युवा वोटर्स की एज ग्रुप क्8-क्9 साल की बीच की है। युवा वोटर्स की संख्या को देखते हुए राजनीतिक पार्टीज ने भी इंप्लॉयमेंट की बात करते हुए युवा वोटर्स को लुभानाशुरू कर दिया है। इसका प्रत्यक्ष उदाहरण सोशल मीडिया, इलेक्शन कैंपेन व भाषणों आसानी से देखा जा सकता है।

डिस्ट्रिक्ट--- नए वोटर्स

टिहरी--फ्ख्,भ्भ्8

पौड़ी--ख्9,ब्क्0

अल्मोड़ा--ख्9,80म्

नैनीताल--फ्म्,म्8ब्

हरिद्वार--फ्फ्,8क्8

डीएम व एसएसपी को इलेक्शन मैनेजमेंट के टिप्स

आयोग की ओर से आयोजित वर्कशॉप में प्रदेश के सभी डीएम और एसएसपी को बेहतर इलेक्शन मैनेजमेंट के टिप्स दिए गए। सैटरडे को चीफ इलेक्ट्रोरल ऑफिसर राधा रतूड़ी की मौजूदगी में आयोजित कार्यशाला में सभी जिलों के डीएम व एसएसपी-एसपी को निर्वाचन प्रक्रिया के बारे में जानकारी दी गई। बताया गया कि नामांकन के दौरान किस प्रकार की सावधानी रखनी चाहिए व सेंसेटिव व मेजर सेंसेटिव पोलिंग बूथ्स में किस प्रकार सुरक्षा के कदम उठाए जाएं। इस मौके पर सभी जिलाधिकारियों को पॉलिटिकल पार्टियों की रैली व सभाओं का वीडियोग्राफी कराने के निर्देश दिए गए। जबकि मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट के मामले में सभी दलों के साथ बिना भेदभाव के कार्यवाही करने पर बल दिया गया।