इमरजेंसी वार्ड में लगे एसी प्लांट के इंजीनियर ने पुलिस व एडमिनिस्ट्रेशन के दावे को किया खारिज

जांच के बाद कहा दस एसी कंप्रेशर फटे तो भी नहीं हो सकता है ऐसा धमाका

VARANASI

एसएस हॉस्पिटल बीएचयू के इमरजेंसी में हुए विस्फोट के कारण का पता लगाने के लिए एजेंसियां जांच में जुटी है। पर अभी तक विस्फोट का कारण स्पष्ट नहीं हो पाया है। इसी बीच रविवार को इमरजेंसी वॉर्ड में लगाये गये एसी कंपनी के इंजीनियर्स ने घटनास्थल पर जांच की। अपने एसी के कंप्रेशर व पाइपलाइन की जांच के बाद उन्होंने स्पष्ट दावा किया कि विस्फोट का कारण एसी के कंप्रेशर या पाइपलाइन का फटना नहीं था। कंप्रेशर पूरी तरह सही सलामत है। कंपनी के इस दावे ने पुलिस व एडमिनिस्ट्रेशन के दावे को चुनौती दी है जिसमें उन्होंने घटना का कारण एसी को बताया था।

एसी में गंधहीन गैस होती है

कंपनी के असिस्टेंट इंजीनियर कुमार गौरव ने जांच के बाद एसी के कंप्रेशर में विस्फोट का कारण बनाने वाले दावों को खारिज करते हुए बताया कि एसी के कंप्रेशर में भरी जानी वाली गैस गंधहीन होती है। जबकि घटना स्थल पर एक विशेष तरह की गैस की गंध मिली है। इसके अलावा उसका कहना था कि अगर ऐसे क्0 एसी का कंप्रेशर फटे तो भी इतना बड़ा विस्फोट नहीं हो सकता है। कहा कि अगर पाइपलाइन भी फटती है तो इसमें निकलने वाली हवा आदमी को सिर्फ हिला सकती है, गिरा नहीं सकती। यहां तो पूरी दीवारें व मोटे बीम भी गिर गए हैं।

ब्लैक बॉक्स की तरह होता है मजबूत

कंपनी के इंजीनियर ने बताया कि एसी कंप्रेशर की मजबूती प्लेन के ब्लैक बॉक्स की तरह होती है। कहा कि कि कंपनी के म्0 साल के इतिहास में ऐसी घटना अब तक कहीं नहीं हुई है। बताया कि इमरजेंसी वॉर्ड में क्भ्-क्भ् टन के दो एसी प्लांट लगे हैं। यह फटते भी है तो इसकी तीव्रता महज ख्भ्0 पीसीआइ (पॉड एक्वाइज इंज) ही होगी यानी इस तरह की दर्जन भर से अधिक भी एसी फटेंगे तो भी तो दीवार नहीं टूटेगी। साथ ही कहा कि अगर इसके पास अगर बम भी फटेगा तो इसकी पाइप नहीं फटेगी। वह महज पिचक सकती है।