उत्तराखंड में रह रहे परिजनों को कस्टडी में लिया

जवान के साथियों की तलाश में छापेमारी

Meerut। मेरठ से गिरफ्तार सिग्नल रेजीमेंट के जवान ने पूछताछ में स्वीकारा कि उसने गोपनीय जानकारियों को पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी पाकिस्तान इंटेलीजेंस ऑपरेटिव (पीआईओ) के साथ साझा किया है। पाकिस्तान को सूचनाएं भेजे जाने की खबर के बाद पुलिस प्रशासन ने भी अलर्ट जारी कर दिया। वहीं, सेना से जुड़ी कौन-कौन से गोपनीय सूचनाएं और जानकारी आर्मी के जवान ने लीक की हैं और इसका क्या इफेक्ट पड़ रहा है, इसकी जानकारी के लिए खुफिया एजेंसियां मशक्कत कर रही हैं। जवान को गिरफ्तारी के बाद सेना पुलिस दिल्ली स्थित आर्मी हेडक्वार्टर ले गई। जहां आर्मी इंटेलीजेंस समेत देश की शीर्ष खुफिया एजेंसियां उससे पूछताछ में जुटी हैं।

पुलिस-प्रशासन भी अलर्ट

मेरठ कैंट से पाकिस्तान के लिए जासूसी करने वाले आर्मी कॉप के पकड़े जाने के बाद पुलिस-प्रशासन ने अलर्ट जारी कर दिया है। बुधवार को कमिश्नर अनीता सी। मेश्राम ने डीएम अनिल ढींगरा और एसपी सिटी रणविजय सिंह के साथ बैठक कर मुद्दे पर जानकारी हासिल की।

जासूसी के आरोप में गिरफ्तार

गौरतलब है कि सेना में नौकरी करते हुए पाकिस्तान के लिए जानकारियां जुटाने और साझा करने के आरोप में सेना पुलिस ने मंगलवार को एक जवान को पकड़ा है। यह सैनिक मेरठ छावनी स्थित एक सिग्नल रेजिमेंट में सिग्नलमैन के तौर पर काम कर रहा था। उत्तराखंड का मूल निवासी, सैनिक गत 10 माह से पीआईओ से जुड़े लोगों के संपर्क में था। जो पाकिस्तानी नंबर पर फोन से बातचीत होने के कारण तीन माह पहले सैनिक आर्मी के रडार पर आया था।

कई और सवाल भी

सेना का ये जवान पाकिस्तानी एजेंसी के संपर्क में कैसे आया? क्या आर्मी एरिया में संदिग्ध गतिविधियों का संचालन हो रहा है? दी गई सूचनाओं से देश की सुरक्षा को क्या खतरा है? फंडिंग कौन कर रहा था, साथी कौन-कौन हैं? आदि सवालों पर आर्मी इंटेलीजेंस जवान से पूछताछ कर रही हैं।

परिजनों को किया नजरबंद

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक उत्तराखंड में जवान के परिजनों को नजरबंद कर लिया गया है। वहीं आर्मी इंटेलीजेंस जवान के सभी एकाउंट और स्टेटमेंट चेक कर रही है। डिव के सिग्नल रेजिमेंट से जुड़े तमाम कार्यालयों में जांच-पड़ताल की जारी रही। आरोपी जवान के सिस्टम और लैपटॉप को भी आर्मी ने कब्जे में लेकर ई-मेल्स और अन्य जांच शुरू कर दी हैं।

पहले भी पकड़े हैं एजेंट्स

20 अप्रैल, 2018

हरियाणा के रोहतक में पकड़ा गया आईएसआई एजेंट गौरव शर्मा जुलाई 2017 में हुई सेना की भर्ती में शामिल होने के लिए मेरठ आया था। उसने आईएसआई कनेक्शन भी कुबूला था।

22 अगस्त, 2017

एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स) ने बांग्लादेशी नागरिक अबू हना को फलावदा से गिरफ्तार किया था।

28 नवंबर, 2015

एसटीएफ की टीम ने मेरठ छावनी से पाक जासूस एजाज को दबोच था।

निशाने पर 'सिग्नल कोर'

भारतीय सेना सिग्नल कोर भारतीय सेना का एक हाथ है, जो सैन्य संचार को संभालता है। कोर का गठन 15 फरवरी 1911 को लेफ्टिनेंट कर्नल एसएच पॉवेल ने किया था। सेना का सिग्नल कोर बेहद अहम होता है। सिग्नल के पास सैन्य ठिकानों के साथ ही तमाम महत्वपूर्ण जानकारियां उपलब्ध होती हैं। इसीलिए दुश्मन सेना और खुफिया एजेंसियां सिग्नलमेंस को ही सबसे पहले निशाना बनाती हैं।