- सुविधा शुल्क के नाम पर मैजिक चालकों से वसूली

- आगरा फोर्ट चौकी इंचार्ज को कठघरे में खड़ा किया

- पीडि़त चालकों ने एसएसपी कार्यालय की शिकायत

आगरा। एसएसपी के तमाम प्रयासों के बाद भी पुलिस की अवैध वसूली रुकने का नाम नहीं ले रही है। बिजली घर पर सवारी बैठाने वाले टाटा मैजिक चालकों ने फोर्ट चौकी इंचार्ज पर अवैध वसूली का आरोप लगाते हुए एसएसपी कार्यालय शिकायत है। मामले में सीओ सदर को जांच सौंपी गई है। चालकों का कहना है कि गाड़ी बंद होने से उनकी आर्थिक स्थिति खराब होती जा रही है।

बिजली घर से शमसाबाद तक चलाते हैं

शमसाबाद के मैजिक चालकों ने मामले में शिकायत की है। चालकों के मुताबिक वह बिजली घर से शमसाबाद तक मैजिक चलाते हैं। बिजली घर चौराहे से शमसाबाद तक करीब 30 मैजिक गाडि़यां चलती हैं। चालकों का कहना है कि पुलिस उन्हें गाड़ी चलाने नहीं दे रही है। जब भी वह गाड़ी लेकर आते हैं पुलिस रोड से गाड़ी हटवा देती है। इससे मैजिक चालक खासे परेशान हैं।

अवैध वसूली का लगाया आरोप

चालकों ने फोर्ट चौकी इंचार्ज पर अवैध वसूली का आरोप लगाया है। आरोप है कि चौकी इंचार्ज बिजली घर पर गाड़ी नहीं चलाने देते। गाड़ी चलाने के एवज में सुविधा शुल्क मांगा जाता है। आरोप है कि महानगर बसों से सुविधा शुल्क लिया जाता है इसी के चलते मैजिक चालकों से भी वसूली का प्रयास किया जा रहा है। चालकों के मुताबिक वे पिछले 20 साल से मैजिक टैम्पो चला रहे हैं।

स्टेंड पर खड़ी करते हैं गाड़ी

चालकों को कहना है कि वह स्टेंड पर ही गाड़ी खड़ी करते हैं। इसके बाद भी गाड़ी पुलिस द्वारा पकड़ ली जाती है जबकि गाड़ी को बंद करवाने का अधिकार मात्र आरटीओ को है। आरोप है कि चौकी इंचार्ज अन्य टैम्पो चालकों की तरह रामबाग फीरोजाबाद की तरफ मैजिक चलाने की बात बोलते हैं जबकि चालक शुरु से ही बिजली घर से शमसाबाद गाड़ी चलाते हैं।

मदद की लगाई गुहार

अवैध वसूली की शिकायत को लेकर चालक एसएसपी कार्यालय पहुंचे थे। यहां पर शिकायती पत्र दिया। चालकों ने गुहार लगाई है कि चौकी इंचार्ज को निर्देशित किया जाए कि वह उन्हें बेवजह परेशान न करें। चालकों के मुताबिक गाड़ी बंद हो जाने से उनका परिवार आर्थिक तंगी से जूझ रहा है। मामले में सीओ सदर उदयराज सिंह को जांच सौंपी गई है।

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धड़ल्ले से चल रही है अवैध वसूली

सूत्रों के मुताबिक ठेकेदार के गुर्गे 800 रुपये महीने पर डग्गेमार वाहनों को परमिट देते हैं। परमिट के नाम पर गाड़ी पर एक स्टीकर लगा दिया जाता है जिसकी जानकारी गुर्गो को चालक को और ट्रैफिक पुलिस को होती है। परमिट चिपकने के बाद उस गाड़ी को कहीं भी रोका नहीं जा सकता चूंकि उसका स्टीकर बता देता है कि इससे वसूली हो चुकी है।