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-इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने शुरू की इंस्टैंट ई-पैन सर्विस

-कोई फीस नहीं लगेगी, वेबसाइट से करना होगा डाउनलोड

balaji.kesharwani@inext.co.in

ALLAHABAD: कई बार हालात ऐसे बन जाते हैं कि तुरंत पैन कार्ड की जरूरत पड़ जाती है। अब पैन कार्ड ऑनलाइन बनवाएं या ऑफलाइन, मिलेगा तो एक निश्चित समयसीमा के भीतर ही। लेकिन अब एक नई व्यवस्था लागू हुई है जिसमें आपको अप्लाई करने के कुछ मिनट के भीतर ही पैन नंबर मिल जाएगा। इसके लिए इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने इंस्टैंट ई-पैन सर्विस शुरू की है। खास बात यह है कि ई-पैन बनवाने के लिए कोई फीस नहीं जमा करनी होगी। लेकिन इसके लिए आपके पास आधार नंबर होना जरूरी है।

ऐसे करना होगा आवेदन

-इंस्टैंट ई-पैन आवेदन के लिए आपको आयकर विभाग की वेबसाइट - https://www.incometaxindiaefiling.gov.in पर जाना होगा।

- यहां आपको बाई ओर सबसे ऊपर इंस्टेंट ई-पैन का विकल्प दिखाई देगा।

-यहां क्लिक करने पर आपके सामने एक नया विंडो खुल जाएगा।

-यहां आपको नीचे की ओर अप्लाई का विकल्प मिलेगा।

-यहां आपको कुछ गाइडलाइंस मिलेंगी।

-इसके बाद आपको आधार कार्ड नंबर फिल करना होगा।

-ध्यान रखें आधार कार्ड में आपका नाम, मोबाइल नंबर और दूसरी डिटेल्स सही हों।

-प्रक्रिया पूरी होने के बाद आपके रजिस्टर्ड नंबर और ई-मेल पर पैन नंबर आ जाएगा।

-बाद में वेबसाइट से ई-पैन डाउनलोड भी किया जा सकता है।

इन बातों का रखें ध्यान

-ई-पैन के लिए अप्लाई करने जा रहे हैं तो आधार कार्ड में दर्ज मोबाइल चालू हालत में आपके पास हो।

-इसी मोबाइल नंबर पर ओटीपी और पैन नंबर आएगा।

-व्हाइट पेपर पर अपने सिग्नेचर की स्कैन कॉपी 200 डीपीआई के रिजॉल्यूशन में कलर जेपीजी फाइल में साथ रखें। यह मैक्सिमम 10 केबी की हो और 2 गुणा 4.5 सेमी साइज में हो।

-फिलहाल यह केवल इन्डिविजुअल्स के लिए जारी किया गया। संस्थाएं अभी इस सुविधा का लाभ नहीं ले सकेंगी।

क्या है पैन

-परमानेंट अकाउंट नंबर यानी पैन 10 डिजिट का एक अल्फान्यूमेरिक नंबर होता है।

-यह इनकम टैक्स डिपार्टमेंट द्वारा इशू करता है।

-आप चाहे अपना अड्रेस बदलें, यहां तक कि एक राज्य से दूसरे राज्य में जाएं तो भी पैन नंबर वही रहता है। बस पैन पर एड्रेस बदलवाना होगा।

इसलिए जरूरी

-इनकम टैक्स रिटर्न भरने के लिए पैन होना जरूरी है।

-अगर किसी की सालाना आमदनी टैक्सेबल है तो उसे पैन लेना अनिवार्य है।

-ऐसे लोग अगर एम्प्लॉयर को पैन उपलब्ध नहीं कराते हैं तो एम्प्लॉयर उनका स्लैब रेट या 20 फीसदी में से जो ज्यादा है, उस दर से टीडीएस काट सकता है।

-इनकम टैक्सेबल नहीं है, तो पैन लेना अनिवार्य नहीं है, फिर बैंक अकाउंट खोलने, प्रॉपर्टी बेचने-खरीदने आदि में पैन जरूरी होता है।