- भूकंप के लगातार झटकों के कारण इंश्योरेंस सेक्टर में पहुंचने लगी 'एक्ट ऑफ गॉड' को लेकर क्वेरीज

-जनरल और लाइफ इंश्योरेंस में हैं भूकंप की भरपाई का प्लैन

VARANASI: आपने हाल ही में आई मूवी 'ओ माई गॉड' तो देखी ही होगी। भूकंप के झटकों से परेश रावल की दुकान गिरने के बाद जब वह नुकसान की भरपाई के लिए इंश्योरेंस कम्पनी के पास पहुंचता है तो उसे कम्पनी वाले ये कहकर झटका दे देते हैं कि भूकंप से नुकसान उनके प्लैन में नहीं है और इसे 'एक्ट ऑफ गॉड' की कैटेगरी में रखते हुए नुकसान की भरपाई करने से अपना पल्ला झाड़ लेते हैं लेकिन ये एक्ट अब रील लाइफ से निकलकर रीयल लाइफ में आ गया है और डेली आ रहे भूकंप से बचने और नुकसान की भरपाई करने के लिए लोग इंश्योरेंस कम्पनियों के चक्कर काट रहे हैं। यहां पहुंचने के बाद हर किसी के मन में बस एक ही सवाल है कि क्या 'एक्ट ऑफ गॉड' के बाद भी भूकंप में नुकसान पर उनको कुछ मिलेगा?

नहीं है रीयल

भूकंप के झटकों से परेशान लोग इन दिनों खुद की और अपने बिजनेस की सेफ्टी को लेकर परेशान हैं। परेशानी इस बात कि अगर भूकंप में कुछ हो गया तो लाइफ का क्या हो होगा और अगर लाइफ ही न बची तो फैमली का क्या होगा? इन्हीं क्वेश्चंस को लेकर लोग इंश्योरेंस कम्पनियों के चक्कर काट रहे हैं। ख्भ् अप्रैल के बाद लगातार आ रहे झटकों और मंगलवार को फिर से लगे झटकों के बाद इंश्योरेंस कम्पनी वाले भी लोगों के सवालों को जवाब देते-देते परेशान हैं। हालांकि जब हमने इस बारे में कुछ इंश्योरेंस कम्पनी के मैनेजर्स से बात की तो उन्होंने क्लीयर कहा 'एक्ट ऑफ गॉड' सिर्फ पिक्चर में है रियल में नहीं।

मिलेगा क्लेम लेकिन

एक प्राइवेट इंश्योरेंस कम्पनी के डेवलपमेंट मैनेजर ज्ञानेन्द्र माहेश्वरी का कहना है कि भूकंप को लेकर अब लोग क्वेरी करने लगे हैं। लाइफ इंश्योरेंस सेक्टर में हर तरह के एक्टिडेंल केसेज में क्लेम मिलता है। इसमे भूकंप से भी कैजुएलिटी भी शामिल हैं। वहीं जरनल इंश्योरेंस की एक प्राइवेट कम्पनी के मैनेजर अरविंद तिवारी ने बताया कि 'एक्ट ऑफ गॉड' नहीं होता है लेकिन इसके लिए इंश्योरेंस लेते वक्त खुद आपको सतर्क होना होगा क्योंकि कम्पनियां पूरी चीजें नहीं बताती। जनरल इंश्योरेंस कराते वक्त भूकंप, आगजनी से लेकर प्राकृतिक आपदा के ऑप्शन अलग अलग होते हैं। इन ऑप्शन को सेलेक्ट करने के बाद आप ऐसी किसी भी दशा में क्लेम पाने के हकदार होते हैं।