इमोशनल अटैचमेंट है जरूरी  

संधु ने कहा कि कोई भी प्लेयर अपना बेहतर तभी दे सकता है जो उसका कोच के साथ इमोशनल अटैचेमेंट हो। प्लेयर को अगर कोई परेशानी है तो वह खुलकर अपने कोच से उसे शेयर करे। यह कोच की जिम्मेदारी बनती है कि अपने प्लेयर की परेशानी को दूर करे। अगर कोच और प्लेयर के बीच दोस्ती का रिश्ता कायम हो तभी आप प्लेयर से बेहतरीन की ख्वाहिश कर सकते हैं। कोच का मुख्य कार्य यही होता है कि वह अपने प्लेयर को इस तरह तैयार करे कि वह अपना सर्वोत्तम दे सके।

हमारा प्रदर्शन बेहतर होगा

द्रोणाचार्य अवार्ड से सम्मानित संधू ने कहा कि वर्ष 2014 में राष्ट्रमंडल खेलों और एशियाई खेलों में इंडियन बॉक्सर का प्रदर्शन बेहतर होगा और वह पहले से अधिक मेडल अपने देश के नाम करेंगे। उन्होंने बताया कि अमेरिका की यूएसए नॉकआउट्स टीम ने भारत के शिव थापा और सुमित सांगवान से इस वर्ष वल्र्ड बॉक्सिंग सीरीज में खेलने के लिए एग्रीमेंट किया है।  

पूर्वांचल में भी है ताकत

संधु ने बताया कि कुछ वेट कैटेगरीज में हमारे पास सेकेंड लाइन के प्लेयर्स भी तैयार हैं। पूर्वांचल के बॉक्सर्स के बाबत पूछे गये सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि यहां के बॉक्सर्स में भी ताकत है उनमें टैलेंट की कमी नहीं है। लेकिन उन्हें मेडल जीतने के लिए बॉक्सिंग में हो रहे मॉडर्नाइजेशन को अपनाना होगा।