RANCHI : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अनुशंसा पर संयुक्त राष्ट्र द्वारा ख्क् जून को विश्व योग दिवस की मान्यता दिए जाने को बड़ी उपलब्धि बताते हुए मुख्यमंत्री रघुवर दास का कहना है कि इस स्वीकृति के साथ भारत के विश्व गुरु बनने का मार्ग प्रशस्त हो गया है। रविवार को विश्व योग दिवस के अवसर पर सुबह मोरहाबादी मैदान में मुख्य राजकीय समारोह का उद्घाटन करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत में प्राचीन काल से प्रचलित योग को आज पूरे विश्व में मान्यता मिली है। एक साथ विश्व के क्99 देशों में योग दिवस मनाया जाना इस दिशा में एक कदम है।

बड़ी संख्या में लोगों की भागीदारी

इस कार्यक्रम में शिरकत कर रहे प्रशासनिक अधिकारियों, योग प्रशिक्षकों, विभिन्न सामाजिक-धार्मिक संगठनों के सदस्यों, स्कूलों बच्चों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आज के इस भौतिक युग में विकसित और विकासशील देशों के गरीब हों या अमीर, चिंता और तनाव से ग्रस्त है। इससे व्यक्तित्व के साथ-साथ देश भी प्रभावित हो रहा है, जो संपूर्ण मानवता के लिए चुनौती है। उन्होंने कहा कि मनुष्य की सभी क्रियाएं सुख-शांति के लिए ही लक्षित है। योग अपनाने से शरीर निरोग और मन शांत रहता है। योग सभी तरह के बंधनों से मुक्ति प्राप्त करने का साधन है। योग को अपनी दिनचर्या में शामिल कर हम स्वस्थ एवं सुखी झारखंड की परिकल्पना को धरातल पर उतार सकते हैं।

सत्ता के सुशासन से योग के शीर्षासन तक

सत्ता के सुशासन से योग के शीर्षासन के बीच संतुलन बनाए रखने में माहिर मुख्यमंत्री रघुवर दास का अंदाज रविवार को दार्शनिक हो चला था। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर मोरहाबादी मैदान में आयोजित मुख्य समारोह में शिरकत कर रहे सीएम ने योग को जीवन की सुख-शांति का मूल आधार बताया। निर्धारित समय से पहले ही गहरे नीले ट्रैक सूट में आयोजन स्थल पर पहुंचे सीएम ने शिथिलीकरण से लेकर प्राणायाम तक की क्रिया सधे हुए योग प्रशिक्षक की तरह की। फ्भ् मिनट की अवधि में शरीर को तरोताजा रखने वाले दर्जनों योगासनों के बीच उन्होंने शारीरिक संतुलन बनाए रखा। सीएम के बाजू में सफेद टी-शर्ट और ब्लैक ट्राउजर में स्वास्थ्य मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी ने भी योग प्रशिक्षकों के निर्देशों को ट्रैक करने की पुरजोर कोि1शश की।

बारिश भी नहीं रोक सकी जोश

सुबह से ही आसमान में उमड़-घुमड़ रहे बादल लगभग डेढ़ घंटे के इस आयोजन के अंतिम पल में बरस कर दम लिया। मुख्य मंच के अलावा दो अन्य वाटर प्रूफ में पंडालों में से एक तीन झारखंड बटालियन एनसीसी के कैडेटों से भरा-पड़ा है। दूसरे पंडाल में आइएएस और आइपीएस अफसरों के अलावा अन्य सरकारी कर्मचारी और विविध संगठनों के लोग बैठे हुए थे। प्राणायाम की घोषणा के साथ ही लगभग 7.फ्0 बजे शुरू हुई बूंदा-बूंदी के बीच बच्चे भींग रहे थे परंतु कार्यक्रम की समाप्ति की घोषणा से पूर्व वे उठने को कतई तैयार नहीं दिखे।