इन सेक्टर्स पर होगा असर

फोब्र्स के मुताबिक, आने वाले दो दशकों में 47 परसेंट मौजूदा जॉब्स रोबोट्स द्वारा एक्वायर की जा सकती हैं। इतना ही नहीं, 80 परसेंट अमेरिकी इस बात से चिंतित हैं कि उनका जॉब अफेक्टेड हो सकता है, हालांकि, वे खुद को अपडेट करके इसका हल निकालने के लिए भी आशान्वित हैं।

 

ड्राइवर्स:

जी हां, आपको जानकर हैरानी होगी कि आंकलन के मुताबिक, सेल्फ ड्राइविंग और आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस कंट्रोल्ड ड्राइविंग के कारण इस सेक्टर में काफी इंपैक्ट पड़ सकता है। आंकलन के मुताबिक, अगले एक दशक में एक तिहाई नौैकरियां इस कारण जा सकती हैं। इनमें मुख्य तौर पर ट्रक ड्राइविंग शामिल है। गूगल, टेस्ला, ऊबर समेट कई कंपनियां इस सेक्टर्स में एक्टिव हैं।

कंस्ट्रक्शन:

डेली वेजेस पर काम करने वाले लेबर्स और वर्कर्स को सबसे ज्यादा रोजगार देने वाला ये सेक्टर भी आने वाले दो दशकों में ऑटोमेटेड जोन में जाने वाला है। अब ऐसी तकनीकें आ गई हैं जिससे थ्रीडी प्रिंटिंग के जरिए 14 से 36 घंटे के अंदर पूरा घर बनकर तैयार हो जाता है जिसे पहले महीनों का वक्त लगता था। इतना ही नहीं, नई तकनीकी के कारण ब्रिक लेइंग (जिसमें लेबर्स 300 से 500 ईंटे लगाते हैं) वो मशीन से 1500 ईंट तक एफिशिएंसी से हो सकता है। बड़े व्यवसायिक कंस्ट्रक्शंस में ये तकनीकें अभी से काम पर ली जा रही हैं।

लीगल सपोर्ट स्टाफ और मेडिकल:

इस फील्ड में 2020 तक 39 परमेंट जॉब्स रोबोट्स और आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस एक्वायर कर लेंगे। आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के जरिए केसेस की जांच और उनके निदान के लिए अभी से ही कई जगह इनका प्रयोग शुरू हो चुका है।

अकाउंटेंट और रिपोर्ट राइटिंग: अकाउंटेंसी को एरर फ्री और करप्शन फ्री बनाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस वाले सॉफ्टवेयर्स का काफी उपयोग हो रहा है जो कि आने वाले दशकों में और बढ़ेगा। वहीं, फैक्चुअल रिपोर्ट राइटिंग में भी रोबोटिक इंटरफेरेंस बढ़ गया है जो कि इंसानी दक्षता से कहीं बढ़कर पर्फामेंट से दे रहा है। ऐसे में, नॉवेल राइटिंग को छोड़ दें तो जर्नलिज्म और डाटा एंट्री की जॉब्स भी अफेक्टेड होंगी।

सेल्स एंड डिलीवरी: आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस और रोबोट्स की जुगलबंदी अब ऑनलाइन सेल्स को भारी बूम दे रही है जो कि आने वाले दशकों में अपने शीर्ष पर होगी। वहीं, डिलिवरी के लिए ड्रोन्स, ड्रॉइड्स रोबट्स और अनमैन्ड मशीन्स को पहले से ही काम में लिया जा रहा है जिससे निकट भविष्य में रोजगार संकट गहराने के संकेत हैं।

 

एक नजर में आकडें:

47 परसेंट नौकरियां आने वाले दो दशकों में छिन सकती हैं।

7 मिलियन लोग अकेले अमेरिका में होंगे इस कारण से बेरोजगार।

69 से 25 परसेंट तक असर पड़ सकता है चीन और इंडिया पर भी।

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