-देश विदेश के एक्सपर्ट्स ने नैनोटेक्नोलॉजी के बारे में विस्तार से बताया

-नैनो कम्पोजिट के यूज के विषय में दी इम्पोर्टेट नॉलेज

GORAKHPUR: ओलेड का इस्तेमाल आई-फोन-एक्स तथा सैमसंग नोट-8 में किया जा रहा है जिससे उन्हें एक नया लुक एवं नए फीचर्स मिल रहें है। ओलेड डिस्प्ले न केवल पतले और अधिक क्षमता वाले होते हैं बल्कि यह सबसे बेहतर इमेज क्वालिटी भी देते है। ये नॉलेज वेबिनार के मुख्य वक्ता प्रो। पीके। भटनागर, दिल्ली विश्वविद्यालय, दिल्ली ने अपना व्याख्यान ''ऑर्गेनिक लाइट इमिटिंग डायोड'' विषय पर देते हुए दी। सेंट एंड्रयूज कॉलेज, गोरखपुर के भौतिक विभाग द्वारा आयोजित दो दिवसीय इंटरनेशनल वेबिनार ''रीसेंट डेवलपमेंट इन मटेरियल साइंस'' के दूसरे दिन देश-विदेश के विभिन्न फेमस संस्थानों से शिक्षाविदों तथा शोधकर्ताओं ने अपने व्याख्यान प्रस्तुत किए।

साइज के प्रभाव से मैटेरियल्स की प्रापर्टी

दूसरे वक्ता देश के जाने-माने भौतिकविद् तथा नैनो-मैटेरियल्स में ख्यातिप्राप्त वैज्ञानिक प्रो। सुशील कुमार, चौ। देवीलाल विश्वविद्यालय, हरियाणा थे। जिन्होंने अपना व्याख्यान ''साइज के प्रभाव से मैटेरियल्स की प्रापर्टी'' पर दिया। इन्होंने बताया कि वर्तमान परिप्रेक्ष्य में नैनोटेक्नालॉजी का बहुत ही योगदान है। इन्होंने नैनो वायर बनाने की आसान विधि को बताया। इस निर्मित नैनोवायर का उपयोग मेडिकल उपकरणों, गैस सेंसर, सोलर सेल इत्यादि में किया जाता है। जिससे उनकी क्षमता बढ़ जाती है। तीसरे वक्ता जेएमआई, नई दिल्ली के विश्वविख्यात शोधकर्ता तथा शिक्षाविद् प्रो। जीशान हुसैन खान ने अपने व्याख्यान में ओलेड की क्षमता को बढ़ाने के लिये मेटल डॉप्टेड नैनो वायर की उपयोगिता के विषय में जानकारी दी।

मेटल ऑक्साइड नैनोवायर का बताया यूज

चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ के प्रो। बीर पाल सिंह ने अपने वक्तव्य में मेटल ऑक्साइड नैनोवायर का उपयोग आधुनिक युग के विभिन्न उपकरणों में होने के बारे में बताया। बुधवार को हुए वेबिनार में विश्व के जाने-माने शाोधकर्ता प्रो। गैरी बेल, टेक्सास इस्टेट यूनिवर्सिटी, अमेरिका ने अपने व्याख्यान में नैनो कम्पोजिट के उपयोग के विषय में अत्यंत लाभप्रद जानकारी दी। प्रो। सादिया अमीन, जॉनबुक नेशनल यूनिवर्सिटी, साउथ कोरिया ने अपने व्याख्यान में पर्यावरण को स्वच्छ रखने के लिए इको-फ्रेंडली मैटेरियल्स पर हो रहे अपने शोध की विस्तृत जानकारी दी। डॉ। विवेकानन्द शुक्ला, चालमर्स यूनिवर्सिटी, स्वीडन जिन्होंने अपनी शिक्षा सेंट एंड्रयूज कॉलेज, गोरखपुर से ही प्राप्त की है, ने भी अपना व्याख्यान प्रस्तुत किया। उन्होंने अपने व्याख्यान में ''मैटेरियल साइंस में मैथेमेटिकल मॉडलिंग के उपयोग'' विषय पर विस्तृत जानकारी दी।

दो सौ स्टूडेंट ऑनलाइन रहे मौजूद

इस वेबिनार के सचिव डॉ। शमशाद अहमद खान ने बताया कि यह दो दिवसीय वेबिनार देश-विदेश के शोधकर्ताओं एवं छात्र-छात्राओं के लिये अत्यंत लाभप्रद रहा। लगभग 200 प्रतिभागियों ने अपनी ऑनलाइन उपस्थिति इस वेबिनार में दर्ज कराई एवं सकारात्मक प्रतिक्रियाएं दी। उन्होने कार्यक्रम संयोजकों से भविष्य में पुन: इस तरह के आयोजनों को कराने का निवेदन भी किया।

इनकी रही सहभागिता

वेबिनार में डॉ। एके निषाद, डॉ। एचओ गुप्ता, डॉ। वीपी श्रीवास्तव, डॉ। (श्रीमती) अर्चना श्रीवास्तव, डॉ। सीपी गुप्ता, डॉ। केबी गुप्ता, डॉ। रवि प्रकाश त्रिपाठी, इम्तियाज हुसैन खान और आदित्य श्रीवास्तव ने सहभागिता दी। सेंट एंड्रयूज कॉलेज के प्रॉचार्य प्रो। जेके लाल ने धन्यवाद ज्ञापित किया।