परेशान रहे शिक्षक और अफसर, यूजी रिजल्ट के लिए शाम तक जूझे

ALLAHABAD: कैम्पस को वाई फाई करने का दावा करने वाले सेंट्रल यूनिवर्सिटी इलाहाबाद के आईसीटी सेल की पोल खुलती नजर आ रही है। कैम्पस में इंटरनेट फैसेलिटी की हालत बद से बदतर हो चली है। लेकिन आईसीटी सेल को इसकी कोई परवाह नहीं है। ऐसे में न्यू एकेडमिक सेशन 2016-17 की शुरुआत से पहले एक और बड़ी समस्या पनपती नजर आ रही है। जिससे पार पाना किसी चुनौती से कम नहीं लग रहा।

बीए व बीएससी का है इंतजार

फ्राइडे को यूनिवर्सिटी में इंटरनेट बंद होने से सबसे ज्यादा परेशानी प्रवेश भवन को हुई। एक तरफ अंडर ग्रेजुएट का पूरा रिजल्ट आ जाने की छात्र दुआ मांग रहे हैं। उधर, इंटरनेट सिस्टम ध्वस्त हो जाने से रिजल्ट ही अपलोड नहीं हो पा रहा है। फ्राइडे को समाचार लिखे जाने तक प्रवेश भवन के शिक्षकों ने बताया कि बीए एवं बीएससी का रिजल्ट अपलोड हो जाना चाहिए था। लेकिन इंटरनेट न होने के कारण यह काम नहीं हो सका। इससे एक बार फिर बीए एवं बीएससी की प्रवेश परीक्षा में शामिल हुए हजारों परीक्षार्थियों का इंतजार बढ़ गया।

ऐन मौके पर पकड़ में आई चूक

वैसे अंडर ग्रेजुएट का रिजल्ट फ्राइडे शाम तक वेबसाइट पर न आने का एक और बड़ा कारण बताया जा रहा है। आईसीटी सेल से जुड़े सोर्सेज ने बताया कि रिजल्ट के क्रास वेरीफिकेशन का काम पूरा न हो पाने के कारण अटका हुआ है। सोर्सेज ने बताया कि जो रिजल्ट तैयार किया गया था, पहले उसमें एक ही सीरिज के प्रश्न पत्र के आधार पर सभी के आंसर जांचकर रिजल्ट तैयार किया गया था। ऐसे में अगर रिजल्ट वेबसाइट पर आ जाता तो काफी हंगामा मचता। यह चूक ऐन मौके पर पकड़ में आई। जिसके बाद पूरे रिजल्ट की क्रास चेकिंग करवानी पड़ी और अलग अलग बुकलेट के प्रश्न पत्र और उसके उत्तरों के आधार पर परिणाम तैयार करवाने में समय लगा।

आईसीटी सेल का अपना ही राग

बहरहाल, एयू में इंटरनेट फैसेलिटी के बार बार दगा दे जाने की बावत कुछ शिक्षकों एवं प्रशासनिक अफसरों का कहना है कि इससे विभाग और ऑफिसेस में काम नहीं हो पा रहा है। एयू की वेबसाइट भी कई दफे बंद हो चुकी है। यह समस्या पिछले एक माह से लगातार देखने को मिल रही है। इसकी सूचना देने पर आईसीटी सेल विपक्षियों पर ही आरोप मढ़ देता है। सेल से जुड़े शिक्षकों का मानना है कि आईसीटी सेल के पुनर्गठन के बाद से समस्या कुछ ज्यादा ही बढ़ गई है। पुरानी टीम में शामिल लोग हटाए जाने के बाद से अवरोध पैदा करने का काम कर रहे हैं। इससे सत्र शुरु होने पर हालात और भी विकट होंगे।