RANCHI: यूसुफ मियां, मुख्तार खान और अख्तर मियां। तीनों रिश्ते में भाई। जामताड़ा के करमाटांड़ के रहनेवाले। इनकी सरपरस्ती में चलनेवाले साइबर क्रिमिनल के गैंग ने देश के ख्फ् राज्यों के फ्0 हजार से भी अधिक लोगों के बैंक अकाउंट में सेंध लगाई है। राजस्थान पुलिस ने इन तीनों सहित गिरोह के कुल छह लोगों को बीते मंगलवार-बुधवार को मुंबई और पुणे से अरेस्ट किया है। इन दोनों महानगरों ने इस गिरोह ने लोगों के बैंक अकाउंट्स और एटीएम के डिटेल्स हासिल करने के लिए बकायदा कॉल सेंटर बना रखे थे। इनके पास से दस लाख रुपए नगद बरामद किए गए हैं, जबकि इनके बैंक खातों में भ्8 लाख की रकम जमा होने की जानकारी मिली है। अनुमान है कि इन्होंने देश भर के लोगों के बैंक अकाउंट से पिछले एक महीने में डेढ़ से दो करोड़ की रकम उड़ाई है। इनके पास से क्भ् मोबाइल सिम कार्ड, क्भ् मोबाइल फोन और 7 एटीएम कार्ड बरामद हुए हैं।

8भ् हजार क़ॉल्स, फ्0 हजार शिकार

इस गिरोह का पर्दाफाश करनेवाले जयपुर कमिश्नरेट के पुलिस कमिश्नर संजय अग्रवाल के अनुसार इस गिरोह के लोगों ने फर्जी बैंककर्मी बनकर मुंबई और पुणे में बनाए गए अपने कॉल सेंटर्स से पिछले एक महीने में ख्फ् राज्यों में करीब 8भ् हजार फोन कॉल्स किए। हालांकि यह गिरोह पिछले कई महीनों से अलग-अलग शहरों और सेंटर्स से साइबर ठगी का नेटवर्क चला रहा था। जाहिर है, बड़े पैमाने पर जांच हो तो ठगी की रकम और गिरोह का शिकार हुए लोगों की तादाद और बढ़ सकती है। राजस्थान पुलिस ने इसे साइबर क्रिमिनल्स के खिलाफ अपनी अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई बताया है।

गिरोह में जामताड़ा का दिनेश मंडल भी

गिरफ्तार आरोपियों में झारखंड के जामताड़ा जिले के करमाटांड निवासी तीन भाइयों के अलावा उन्हीं के गांव का दिनेश मंडल और महाराष्ट्र निवासी संजय सिंघे और शैलेश शामिल हैं। गिरोहने फर्जी आईडी से सैकड़ों सिमें व मोबाइल्स जारी करवाए। ये बैंक अकाउंट धारकों को फोन करके क्रेडिट कार्ड को आधार लिंक से जोड़ने, एटीएम ब्लॉक होने नया एटीएम जारी करने, क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़ाने जैसे बातों का झांसा कर उनके एटीएम कार्ड नंबर, सीवीवी नंबर या ओटीपी नंबर ले लेते थे और फिर इन डिटेल्स के आधार पर उनके अकाउंट से बड़ी रकम उड़ा लेते थे। पुलिस के अनुसार गिरोह ने अकेले राजस्थान में करीब भ्0 हजार फोन कॉल्स किए, जिसमें जयपुर के लिए की गई लगभग पांच हजार कॉल्स शामिल हैं।

पुलिस दबिश बढ़ी तो छोड़ा झारखंड

जयपुर पुलिस की पूछताछ में सगे भाईयों यूसुफ, मुख्तयार और अख्तर ने कहा है कि गांव में रहकर ही उनलोगों ने ठगी का काम सीखा। करमाटांड़ और इसके आस-पास के गांवों में साइबर क्रिमिनल्स की भरी-पूरी फौज है। हाल यह है कि करमाटांड़ के क्रिमिनल्स की तलाश में तकरीबन हर रोज किसी ने किसी राज्य की पुलिस पहुंची होती है। इन तीनों भाइयों ने बताया कि पहले वे जामताड़ा में ही रहकर ठगी की वारदात अंजाम दिया करते थे, लेकिन पुलिस की सख्ती के चलते घर छोड़ दिया। तीनों भाई पुणे पहुंचे और किराए के मकान लेकर काम शुरू किया। तीनों ने क्0 मोबाइल नंबर से लोगों को ठगी का शिकार बनाया।

ऐसे दबोचे गए ठग

ख्0क्म् में राजस्थान के बस्सी थाना क्षेत्र में गोपाल बैरवा ने ख्9म्00 रूपए की ठगी का मामला दर्ज कराया था। क्राइम ब्रांच की छानबीन में खुलासा हुआ कि ठग गिरोह का लोकेशन पुणे में है। इस पर एक टीम पुणे गई। तीन दिन पड़ताल में टीम ने यूसुफ और उसके भाईयों का कॉल सेंटर खोज निकाला। इसके साथ ही मुंबई के वर्ली में गिरोह के दिनेश मंडल ने ख्फ् मार्च, ख्0क्7 को कॉल कर सदर थाना क्षेत्र निवासी पीडि़त विनोद कुमार से सात हजार रूपए की ठगी की। लोकेशन के आधार पर मंडल को गिरफ्तार किया गया।

ई-वॉलेट में ट्रांसफर करते हैं ठगी की रकम

साइबर क्राइम के इन सरगनाओं ने पुलिस को जानकारी दी है कि ठगी की रकम को वे सामान्यत: ई-वॉलेट में ट्रांसफर कराते थे। ई-वॉलेट की रकम में से फ्0 से ब्0 प्रतिशत मोबाइल शॉप ओनर्स को देकर उनकी मोबाइलें रिचार्ज करा देते थे। फिर मोबाइल शॉप ओनर्स इन ठगों और उनके परिजनों के अकाउंट्स में रकम ट्रांसफर कर देते थे।

रोज होती थीं पार्टी

यह गिरोह लोगों के अकाउंट से उड़ाई गई रकम से खूब मौज करते थे। मुंबई, पुणे, लोनावाला, खंडाला, गोवा सहित कई जगहों पर इन्होंने जमकर पार्टियां कीं।

इन राज्यों के लोग हुए शिकार

राजस्थान, बिहार, आंध्रप्रदेश, आसाम, दिल्ली, गुजरात, हरियाणा, केरल, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल, ओडि़शा, पंजाब, नागालैंड, झारखंड , उत्तर प्रदेश, जम्मू कश्मीर, छत्तीसगढ़, गोवा, महाराष्ट्र, तमिलनाडु व अन्य कई राज्य।