RANCHI: रिम्स में बुधवार को विभिन्न पदों के लिए इंटरव्यू देने आए सैकड़ों कैंडिडेट्स ने प्रबंधन पर पैसे लेकर बहाली करने का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया। एक साथ सभी कैंडिडेट्स ने डायरेक्टर चैंबर में घुसने का प्रयास किया। लेकिन गा‌र्ड्स ने उन्हें रोक लिया। इसके बाद बरियातू थाना और झारखंड पुलिस के जवानों ने मोर्चा संभाल लिया। इस बीच कई बार धक्का-मुक्की भी हुई। डायरेक्टर आफिस के एंट्रेंस गेट के शीशे भी टूट गए। बताते चलें कि रिम्स में लैब टेक्निशियन, फार्मासिस्ट, शल्य कक्ष सहायक व नर्स की नियुक्ति के लिए विज्ञापन निकाला गया है। इसके तहत फ‌र्स्ट फेज में 80 लोगों की नियुक्ति के लिए एडमिन बिल्डिंग में इंटरव्यू चल रहा था। करीब म्00 कैंडिडेट्स पहुंचे थे।

पैसे लेकर बहाली का आरोप

इंटरव्यू में पारदर्शिता नहीं देख कैंडिडेट्स ने हंगामा शुरू कर दिया। पैसे लेकर बहाली करने का आरोप लगाया। डायरेक्टर के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई। हंगामे की सूचना बरियातू थाना को दी गई। इसके बाद बरियातू थाना और झारखंड पुलिस के जवानों ने रिम्स पहुंच कर स्थिति को संभाला। पुलिस ने कैंडिडेट्स को कतार में लग कर इंटरव्यू देने जाने के लिए कहा।

अजीबो-गरीब नियम से परेशानी

इंटरव्यू के लिए विभिन्न जिलों से आए कैंडिडेट्स का कहना है कि प्रबंधन ने जानबूझकर अजीबो-गरीब नियम बना रखा है। इसके तहत 900 बेड वाले हास्पिटल में काम कर चुका कैंडिडेट्स ही इंटरव्यू में शामिल हो सकता है। जबकि राज्य में कोई भी हास्पिटल 900 बेड का है ही नहीं। ऐसे में किसी भी जिले के कैंडिडेट्स को रिम्स में बहाली का मौका नहीं मिलेगा। कैंडिडेट्स ने यह भी कहा कि इस नियम के मुताबिक केवल रिम्स में काम करने वाले स्टाफ को ही लेने की तैयारी है। अगर प्रबंधन को रिम्स से ही बहाली करनी थी, तो विज्ञापन निकालने की क्या जरूरत थी।

कैंडिडेट्स ने लगाया मनमानी का आरोप

ऐसा नियम रखा गया है जिससे बाहर के कैंडिडेट्स को मौका ही न मिले। लेकिन हमलोग भी पीछे नहीं हटेंगे। हमलोगों के पास रिम्स कर्मियों से ज्यादा काम करने का अनुभव है। जब प्रबंधन को सीमित नियुक्ति करनी थी, तो विज्ञापन निकालना ही नहीं चाहिए था।

नवीन, रांची

हमलोग इतनी दूर से इंटरव्यू देने आए हैं। लेकिन एक तो यहां कोई तैयारी नहीं है। किसी को अंदर जाने नहीं दिया जा रहा है। रिम्स स्टाफ्स के लिए स्पेशल लाइन लगाई गई है। विज्ञापन के अनुसार, इंटरव्यू के लिए कोई भी जा सकता है, तो प्रबंधन ऐसा क्यों कर रहा है।

अनुप, जमशेदपुर

हमलोग इंटरव्यू देने आए हैं, तो हमारे पेपर्स जमा लेने होंगे। अगर ऐसा नहीं होगा, तो हमलोग आंदोलन करेंगे। सुबह से ही हमलोगों को खड़ा रखा गया है। सिस्टम नाम की कोई चीज ही नहीं है।

कुमारी रूमा,

हमलोग तो इंटरव्यू देने आए हैं। पीएमसीएच धनबाद से ट्रेनिंग पूरी की है। अगर नियुक्ति में कोई गड़बड़ी होती है, तो आंदोलन किया जाएगा। फिलहाल पेपर्स जमा करने के लिए सुबह से ही खड़े हैं। यहां सिस्टम नाम की कोई चीज ही नहीं है।

पुष्पांजलि, धनबाद

वर्जन

अभी इंटरव्यू शुरू हुआ है। जितने भी पद हैं, उन सभी पर भर्ती ली जाएगी। जहां तक पारदर्शिता की बात है, तो सभी को इंटरव्यू में शामिल होने का मौका मिलेगा। किसी के साथ कोई पक्षपात नहीं किया जाएगा।

-डॉ। बीएल शेरवाल, डायरेक्टर, रिम्स