मेरठ (ब्यूरो)। अभिलाष चौधरी ने अपने हुनर के दम पर बिना किसी थिएटर की ट्रेनिंग के मेरठ से मुंबई तक का सफर न केवल तय किया बल्कि जेपी दत्ता जैसे निर्देशकों को अपने हुनर का कायल भी बनाया। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने अभिलाष से की लंबी बातचीत के मुख्य अंश...

अपने बारे में कुछ बताइए?

बचपन से फिल्में देखने का बड़ा शौक था। सनी पॉजी को देखते हुए बड़े हुए, धीरे-धीरे फिल्मों की तरफ मन मोटिवेट होने लगा। मगर मन की बात मन में ही रखी। फैमिली से कोई दूर-दूर तक बॉलीवुड में नहीं था। पिता ओमवीर सिंह एडवोकेट हैं और मां सुरेश हाउस वाइफ। घर का माहौल ही कुछ ऐसा था कि मन को बस में रखना ही बेहतर समझा। 2007 में देहरादून के एक कॉलेज से बीटेक कंपलीट किया और उसके बाद दिल्ली में एक कंपनी में जॉब लग गई। मगर मन में बॉलीवुड जाने और फिल्म सिटी में शूटिंग का सपना पलने लगा। घर पर कभी बात नहीं कि क्योंकि खुद की झिझक सपने पर हावी थी। इस बीच 2014 में मेरा ट्रांसफर मुंबई हो गया। मुंबई पहुंचकर लगा कि यहा जॉब नहीं किस्मत लेकर आई है तो उसे ट्राई करना चाहिए।  

थिएटर के बिना कैसे पॉसिबल हुआ?

2014 से मैैंने जॉब के साथ ऑडिशन देने शुरू किए तो थिएटर किए हैं या नहीं वाले सवाल पूछे जाने लगे लेकिन कभी थिएटर की वजह से मुझे ऑडिशन देने से नहीं रोका गया। थिएटर ज्वॉइन करने की कोशिश की ले किन जॉब के साथ ऑडिशन के लिए समय निकालना मुश्किल था तो थिएटर तो पॉसिबल ही नहीं हो पाया। 2016 में एक दिन ऑडिशन के दौरान ट्यूबलाइट मूवी की स्क्रीनिंग चल रही थी। ऑडिशन दिया और कैमियो के लिए मेरा नाम ओके हो गया। हालांकि कुछ पलों तक खुद को ये यकीन दिलाना मुश्किल था कि मेरा फस्र्ट ब्रेक मुझे बिना थिएटर एक्सपीरियंस के सलमान खान वाली फिल्म में मिल रहा है। इसके बाद घरवालों ने सपोर्ट करना शुरु  कर दिया।

काम को कब सराहा गया?

2017 में पलटन मूवी की स्टार कास्ट फाइनल हो रही थी तो मुझे मेरे एक कॉन्टेक्ट से पता चला और मैैंने ऑडिशन दिया। एक छोटे से रोल के लिए मेरा सलेक्शन हो गया। इस दौरान जेपी दत्ता ने मेरे एक शॉट को देखकर कहा कि अभिलाष कमाल कर दिया। इसके बाद 2018 में मुझे सोनम कपूर के साथ स्क्रीन शेयर करने के साथ पहला बड़ा किरदार निभाने का मौका मिला। यहां से लगने लगा था कि लोग अब मेरे काम को पसंद करने लगे हैं।

शूटिंग के दौरान का कोई यादगार लम्हा शेयर करेंगे?

हां, जोया फैक्टर मूवी के दौरान एक शॉट के लिए दादी के किरदार के लिए एक फोटो की जरूरत आन पड़ी तो मुझसे कहा गया कि यार तुम्हारे टच में कोई गांव वाली दादी हैं। मैैंने थोड़ा सोचा और अपनी दादी को फोटो दिखाया जिससे देखते ही पसंद कर लिया गया। वो हमेशा एक ऐसा टची मूमेंट था, जिसमें दादी और पोता दोनों हमेशा के लिए रील में रीयल हो गए।

नेक्स्ट असाइमेंट क्या हैं?

मैैं सलमान खान के साथ दबंग 3 में एक कॉप को रोल प्ले कर रहा हूं। इसके अलावा विद्युत जामवाल की फ्रेंचाइजी कमांडो 3 में एक नेगेटिव शेड वाला करेक्टर प्ले कर रहा हूं।

आपने टीवी भी काफी किया है?

मैैंने 30 से ज्यादा से छोटे और बड़े रोल वाले टीवी सीरियल किए हैं। मगर परम अवतार श्रीकृष्णा में सूर्यदेव उड़ान में रॉ एजेंट का रोल समेत बाल कृष्णा, चंद्रगुप्त मौर्या और मेरे अंगने में आदि सीरियल में अच्छे और बड़े किरदान निभाने की मौका मिला।

वेब सीरीज बड़े कलाकारों की इमेज डेमेज हो रही है क्या कहेंगे?

जो दिख्रेगा वो ही बिकेगा के फेर में पड़कर वाकई आजकल तो कई बड़े एक्टर्स भी वेब सीरीज कर रहे हैं। ज्यादातर वेब सीरीज को फैमिली के साथ नहीं देखा जा सकता, जिसकी वजह से आप ऑडियंस से दूर हो रहे हैं। वेब सीरीज से करना बुरी बात नहीं है लेकिन अपना किरदार सोच-समझकर चुनना होगा। कहीं ऐसा न हो जाए कि इमेज का डेमेज कंट्रोल कर पाना मुश्किल हो जाए।

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