असमंजस की स्थिति में व्यापारी और ट्रांसपोर्टर

Meerut। राज्य के भीतर माल ढोने के लिए इंट्रा स्टेट वे बिल की व्यवस्था 14 अप्रैल रात 12 बजे से पूरे प्रदेश में लागू हो गई। हालांकि रविवार होने के कारण पहले दिन काफी कम मात्रा में बिल जेनरेट किए गए लेकिन इंट्रा स्टेट बिल जेनरेट करने से ज्यादा इस व्यवस्था के तहत माल ट्रांस्पोर्ट करने में असमंजस की स्थिति बनी हुई है। जिसके चलते व्यापारी से लेकर ट्रांसपोर्टर्स समझ नहीं पा रहे हैं कि माल कैसे डिलीवर करें।

इंट्रा स्टेट वे बिल लागू होने से ट्रांसपोर्टर का काम ठप हो जाएगा। इंटर स्टेट वे बिल के दौरान वाणिज्य अधिकारियों ने कहा था कि रेल से आने वाले माल की भी चेकिंग होगी लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है। ऐसे में व्यापारी रेल द्वारा अपना माल से बुकिंग कर मंगा रहे हैं।

गौरव शर्मा, अध्यक्ष, ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन

माल को राज्य के अंदर लाने व ले जाने के लिए ठेला, तांगा, बुग्गी जैसे नॉन मोटर वाहनों का भी इस्तेमाल किया जाता है। ऐसे में इन वाहनों पर माल ढुलाई के लिए ई वे बिल कैसे लागू होगा। शहर में 40 प्रतिशत माल ढुलाई में ये नॉन मोटर व्हीकल प्रयोग होते हैं।

विनेश जैन, व्यापारी

राज्य के अंदर मूवमेंट के दौरान एक ट्रांसपोर्ट से कई-कई व्यापारियों का माल डिलीवर किया जाता है। ऐसे में यदि एक गाड़ी में अलग-अलग व्यापारियों के 50 हजार से कम के माल रखे हैं। जिनकी कीमत 10 लाख या 20 लाख है तो उसका ई वे बिल कैसे जेनरेट होगा और कौन करेगा।

मनोज अग्रवाल, दवा व्यापारी