वाशिंगटन डीसी (एएनआई) कंप्यूटर के अगुआ लैरी टेस्लर ने कट-काॅपी-पेस्ट जैसे बार-बार काम आने वाले महत्वपूर्ण फंक्शन काे प्रोग्राम किया था। सोमवार को उनका 74 साल की उम्र में निधन हो गया। उनके ईजाद किए गए इस फीचर का कंप्यूटर जगत में खूब इस्तेमाल होता है। इस फीचर ने कंप्यूटर के क्षेत्र में काम करने वालों के जीवन का न सिर्फ आसान बनाया बल्कि आने वाले समय में भी उनका कंप्यूटर से संबंधित तकनीकी जीवन आसान बनाता रहेगा।

1973 में विकसित किया था कट-काॅपी-पेस्ट

'गिजमोडो' के हवाले से 'द वर्ज' ने बताया है कि टेस्लर 1945 में न्यूयाॅर्क में पैदा हुए थे। उन्होंने स्टैंडफोर्ड यूनिवर्सिटी से कंप्यूटर साइंस में डिग्री हासिल की थी। टेस्लर ने 1973 में कट-काॅपी-पेस्ट फीचर को विकसित किया था। यह आइडिया उन्हें जिराॅक्स पालो अल्टो रिसर्च सेंटर (पीएआरसी) पर काम करने के दौरान आया था और उन्होंने इस फंक्शन को विकसित करने का बीड़ा उठाया और उसे सफलता पूर्वक कर भी दिखाया।

मोडलेस कंप्यूटिंग के प्रबल समर्थक थे टेस्लर

पीएआरसी को ग्राफिकल यूजर इंटरफेस बोले तो माउस पर रिसर्च के लिए जाना जाता है। 'द वर्ज' के मुताबिक, मोडलेस कंप्यूटिंग के समर्थक थे। यह एक ऐसा कंसेप्ट है जिसमें कंप्यूटर एप्लीकेशन अलग-अलग मोड में न हो। इस कंसेप्ट के मुताबिक, यूजर के इनपुट से विभिन्न आउटपुट आ जाए भले ही वह किसी भी एप्लीकेशन मोड पर काम कर रहा हो। टेस्लर ने 1980 और 1997 के बीच एप्पल में अपनी सेवाएं दी थीं, जहां उन्होंने मैकिन्तोष, क्विकटाइम, लीजा और न्यूटन टैबलेट के विकास में सहयोग दिया।

1993 में बने प्रमोट होकर बने चीफ साइंटिस्ट

लीजा और मैकिन्तोष कंप्यूटर के पहले प्लेटफार्म थे जहां कट-काॅपी-पेस्ट फीचर का इस्तेमाल किया गया। इसी के बाद देखते ही देखते यह फीचर कंप्यूटर जगत में बेहद लोकप्रिय हो गया। &द वर्ज&य ने &गिजमोडो&य के हवाले से बताया कि 1993 में टेस्लर चीफ साइंटिस्ट के पद पर प्रमोट किए गए थे।

अमेजन और याहू को भी अपनी सेवाएं दी थीं

यह एक ऐसा रोल था जिस पर स्टीव वोज्निएक काम कर चुके थे। एप्पल के बाद टेस्लर ने एक एजुकेशनल साॅफ्टवेयर स्टार्टअप 'स्टेजकास्ट' ज्वाइन कर लिया। बड़ी आईटी कंपनियों अमेजन और याहू जैसी कंपनियों के लिए काम करने के बाद 2009 से टेस्लर ने कैलीफोर्निया में यूएक्स कंसलटेंसी की स्थापना की।

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