- केजीएमयू में कंप्यूटर खरीद और आईटी सेल में हुए घोटाले का मामला

- कार्यपरिषद से बिना अनुमति लिए ही जांच कराने का आरोप

- डॉक्टर ने की गवर्नर से शिकायत, राजभवन ने मांगी आख्या

sunil.yadav@inext.co.in

LUCKNOW :

किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) में कंप्यूटर खरीद और आईटी सेल में हुए घोटाले में नया मोड़ आ गया है। यूनिवर्सिटी प्रशासन ने फर्जी ऑडिट रिपोर्ट और बिना कार्य परिषद की अनुमति के ही पीडियाट्रिक सर्जरी विभाग के प्रो। आशीष वाखलू के खिलाफ जांच कर डाली। प्रो। वाखलू ने ये आरोप लगाते हुए अपने उत्पीड़न की शिकायत गवर्नर से की है। जिस पर राजभवन ने केजीएमयू प्रशासन से मामले में पांच दिनों में रिपोर्ट तलब की है।

गवर्नर में शिकायत

सूत्रों के मुताबिक पीडियाट्रिक सर्जरी के प्रो। आशीष वाखलू ने राजभवन में शिकायत दर्ज कराई थी कि उनके खिलाफ जांच के लिए कार्य परिषद से अनुमति नहीं ली गई। यही नहीं जिस शिकायतकर्ता के पत्र के आधार पर जांच शुरू कराई गई, उनसे शपथ पत्र तक नहीं लिया गया। सूत्रों के मुताबिक जिस ऑडिट रिपोर्ट के हवाले से जांच की संस्तुति की गई केजीएमयू के पास से उसका रिकॉर्ड भी गायब है। केजीएमयू के अधिकारियों ने खुद ही आरटीआई में इसकी जानकारी दी थी कि इस पत्र का उनके पास कोई रिकॉर्ड नहीं है। प्रो। वाखलू ने शिकायत में कहा है कि कथित ऑडिट रिपोर्ट और बिना कार्य परिषद के अनुममोदन जांच समिति गठित करके उनका उत्पीड़न किया जा रहा है।

क्या था मामला

वर्तमान वीसी प्रो। एमएलबी भट्ट ने पिछले वर्ष अपनी नियुक्ति के कुछ समय बाद ही आईटी सेल के पूर्व इंचार्ज प्रो। आशीष वाखलू के खिलाफ जांच बिठाई थी। प्रारंभिक जांच रिपोर्ट के बाद निकलकर आया था कि 300 कंप्यूटर खरीद और आईटी सिस्टम डेवलप करने पर बड़ा घोटाला किया गया है। वीसी ने बाद में बताया था मामले को शासन के पास आगे की जांच के लिए भेज दिया है।

ये प्रशासनिक एवं गोपनीय मामला है। अभी इसकी जानकारी मीडिया सेल के पास नहीं है।

- प्रो। सुधीर सिंह, प्रवक्ता, केजीएमयू