नई दिल्ली (आईएएनएस)। दिल्ली कैपिटल्स वो टीम है जो हमेशा बदलावों से गुजरी है। दिल्ली डेयर डेविल्स से कैपिटल्स तक नाम भी बदला मगर किस्मत वही रही। शुरुआती दो सीजन में टीम ने सेमीफाइनल में जगह बनाई मगर उससे आगे नहीं बढ़ सके। पिछले सीजन श्रेयस अय्यर की कप्तानी में टीम क्वालीफारइंग राउंड तक पहुंची मगर सफर वहीं खत्म हो गया। इस बार फैंस चाहेंगे कि दिल्ली के सिर ताज सजे मगर उसके लिए इन्हें कुछ अजूबा करना होगा।

दिल्ली कैपिटल्स को दिखाना होगा जादू
19 सितंबर से टूर्नामेंट की शुरुआत हो जाएगी और फाइनल 10 नवंबर को होगा। खिताबी मुकाबले तक पहुंचने के लिए दिल्ली की टीम को कई बाधाएं पार करनी होंगी। दक्षिण अफ्रीका के तेज गेंदबाज कैगिसो रबाडा जो दिल्ली की टीम का हिस्सा हैं उनका कहना है कि टीम के पास इस सीजन में चुनौती देने और जीतने की क्षमता है। उन्होंने कहा, "हमारे पास वास्तव में अच्छा सेशन था, इसलिए मुझे पता है कि हम इस प्रतियोगिता को चुनौती दे सकते हैं और जीत सकते हैं क्योंकि हम पिछले सत्र में वास्तव में करीब आए थे। लेकिन, साथ ही, यह एक नया टूर्नामेंट है इसलिए हमें फिर से शुरुआत करनी होगी और हमें एक अच्छा समूह मिला है।" दिल्ली की टीम की सबसे बड़ी कमजोरी उनकी कंसिस्टेंसी है। लगातार अच्छा प्रदर्शन न कर पाने की वजह उनके खिलाड़ी हैं जो कुछ मैचों में ही चलते हैं। दिल्ली कैपिटल्स 20 सितंबर को किंग्स इलेवन पंजाब के खिलाफ अपने अभियान की शुरुआत करेंगी।

क्या है टीम की मजबूती
दिल्ली कैपिटल्स के पास पिछले साल आईपीएल में सबसे मजबूत बल्लेबाजी क्रम में से एक था और इस साल उन्होंने इसे और मजबूत किया है। उनके पास पहले से ही शिखर धवन, शिमरन हेटमेयर और अय्यर पहली पसंद थे, और अब उनके पास अजिंक्य रहाणे भी हैं जो टीम को बहुत स्थिरता प्रदान कर सकते हैं। मार्कस स्टोइनिस, एलेक्स केरी, और पृथ्वी शॉ में भी उनके पास पावर हिटर हैं जो अपनी लय में हो तो किसी भी गेंदबाजी आक्रमण को विफल कर सकते हैं। पहले से ही मौजूद अक्षर पटेल, अमित मिश्रा और संदीप लामीचेन स्पिन की जिम्मेदारी संभालेंगे। यह जानते हुए भी कि संयुक्त अरब अमीरात में मैदान पारंपरिक रूप से स्पिन के अनुकूल हैं, रिकी पोंटिंग अपने स्पिनरों को एकजुट करेंगे।

यह है टीम की कमजोरी
टीम की मुख्य कमजोरियों में से एक है, निरंतरता बनाए रखना। खासतौर से पंत और शॉ जैसे खिलाड़ियों का लगातार परफाॅर्म न करना टीम को भारी पड़ जाता है। इसके अलावा, उनकी तेज गेंदबाजी में पर्याप्त गति नहीं है। केवल कैगिसो रबाडा 140 किमी प्रति घंटे से ऊपर लगातार गेंदबाजी करने में सक्षम है। युवा गेंदबाजों का मार्गदर्शन करने के लिए इशांत शर्मा के कंधों पर बहुत जिम्मेदारी होगी और यह देखना दिलचस्प होगा कि डीसी यूएई में धीमी गति से ट्रैक पर अपने पेसर को कैसे मैनेज करते हैं।

ये है दिल्ली की टीम
श्रेयस अय्यर (कप्तान), अजिंक्य रहाणे, शिखर धवन, शिमरन हेटमायरर, पृथ्वी शॉ, मार्कस स्टोइनिस, ललित यादव, रविचंद्रन अश्विन, अक्षर पटेल, कीमो पॉल, डैनियल सैम्स, एलेक्स केरी और ऋषभ पंत (विकेटकीपर), कागिसो रबाडा, संदीप लामिछाने, ईशांत शर्मा, मोहित शर्मा, आवेश खान, तुषार देशपांडे, हर्षल पटेल, अमित मिश्रा, और एनरिक नोर्तजे।