नई दिल्ली (पीटीआई)। बीसीसीआई एंटी करप्शन यूनिट के प्रमुख शब्बीर हुसैन शेखदाम ने आईपीएल 2021 में एक मैच में सट्टेबाजी का खुलासा किया है। यह सट्टेबाजी दिल्ली के अरुण जेटली क्रिकेट स्टेडियम में हो रही थी। जहां एक मान्यता प्राप्त क्लीनर को "पिच-साइडिंग" करते हुए देखा गया जो बॉल-टू-बॉल सट्टेबाजी में मदद कर रहा था। दिल्ली में आईपीएल मैचों में से एक के दौरान सट्टेबाजी का नया तरीका देखा गया। जहाँ एक क्लीनर लाइव मैच एक्शन और लाइव टीवी कवरेज के बीच टाइम लेग का फायदा उठाकर बॉल-बाई-बाॅल बेटिंग में मदद कर रहा था। जिसे कोर्ट-साइडिंग या पिच साइडिंग भी कहते हैं।

एसीयू की टीम ने किया खुलासा
गुजरात पुलिस के पूर्व महानिदेशक हुसैन जो बीसीसीआई की एसीयू के चीफ हैं। उन्होंने कहा, "मेरे एक एसीयू अधिकारी ने एक व्यक्ति को पकड़ लिया और दिल्ली पुलिस को ब्योरा सौंप दिया। यह अपराधी अपने दो मोबाइल फोन को छोड़कर भागने में सफल रहा। हम दिल्ली पुलिस के आभारी हैं कि एक अलग घटना में उन्होंने दो अन्य व्यक्तियों को कोटला से पकड़ा है।" दिल्ली पुलिस ने दो मई को राजस्थान रॉयल्स और सनराइजर्स हैदराबाद के बीच आईपीएल मैच के दौरान फर्जी मान्यता कार्ड के साथ दो लोगों को गिरफ्तार किया था।

छोटे कर्मचारियों को बनाया जा रहा निशाना
एसीयू सुप्रीमो ने कहा, "मुझे पूरा विश्वास है कि एक या दो दिन में वह अपराधी पकड़ा जाएगा। वह एक-दो सौ या कुछ हजार रुपये में काम करने वाला एक छोटा सा वर्कर है।" हालांकि हुसैन ने माना कि निचले स्तर के कर्मचारियों को एक बड़े सिंडिकेट द्वारा इस्तेमाल किया जा रहा है, क्योंकि COVID-19 के कारण, बायो बबल के बीच बड़े सटोरिए होटल तक नहीं पहुंच पा रहे हैं। हुसैन ने कहा, "जैसे-जैसे हालात बदलते हैं, वैसे-वैसे अपराध का तरीका भी बदल जाता है। लेकिन हम इसके लिए तैयार हैं।"

एसीयू रडार के तहत सफाई कर्मचारी कैसे आए?
सट्टेबाजी का यह खेल कैसे पकड़ा गया। इसका जवाब देते हुए हुसैन ने कहा, 'सट्टा लगाने वाला क्लीनर कोटला परिसर के अंदर एकांत क्षेत्र में अपने आप से खड़ा था और इसलिए हमारे एक अधिकारी ने उससे संपर्क किया और पूछा कि तुम यहाँ क्या कर रहे हो? तब उसने जवाब दिया कि वह अपनी गर्लफ्रेंड से बात कर रहा है। एसीयू अधिकारी ने तब उससे उस नंबर को डायल करने के लिए कहा जो वह बात कर रहा था और फिर उसे फोन सौंपने के लिए कहा। इस बीच वह आदमी मौके से भाग गया।'

खिलाड़ियों की नहीं मिली शिकायत
दिलचस्प बात यह थी कि उसने आईपीएल मान्यता कार्ड पहना था जो सभी चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को टूर्नामेंट के दौरान बस ड्राइवरों से लेकर क्लीनर, पोर्टर्स आदि को दिया जाता है। उन्होंने कहा, "यह दिल्ली में शाम के मैचों में से एक था। उसने आई-कार्ड पहना था। यह भी संदेह था कि उनके दो मोबाइल थे।" हुसैन ने यह भी पुष्टि की कि ACU को 29 खेलों के दौरान आईपीएल में शामिल खिलाड़ियों या सहायक कर्मचारियों के भ्रष्टाचार में शामिल की कोई शिकायत नहीं मिली।