ऐसी है जानकारी

बता दें कि आदित्य वर्मा ने पीएम को ये पत्र बीते दिन भेजा है। इस पत्र में आगे लिखा है कि मीडिया में लगातार अटकलबाजियां लगाई जा रही हैं। अटकलबाजी इस बात को लेकर कि बीसीसीआई भारत सरकार से एक विधेयक को लाने के बारे में कह सकता है। ऐसा विधेयक जिसमें न्यायमूर्ति लोढ़ा समिति की सिफारिशों से बाहर निकलने का प्रावधान हो। उनका कहना है कि ऐसा करने से आखिर में बोर्ड के निहित स्वार्थों को ही फायदा होगा।

करनी होगी सराहना

इसके इतर उन्होंने ये भी कहा कि बीसीसीआई के पदाधिकारियों को इस बात की सराहना करनी होगी कि ऐसे सुधारों से पारदर्शिता ही सुनिश्चित होगी। इसके साथ ही बोर्ड की स्वायत्ता भी बनी रहेगी। आदित्य वर्मा ने ये भी कहा कि लोढ़ा समिति की ओर से बीसीसीआई के कामकाज में सरकार के हस्तक्षेप को लेकर कोई सिफारिश नहीं की गई है। ऐसे में संसद में खेल विधेयक पारित करने के प्रयास का परिणाम बीसीसीआई पर पूरी तरह से सरकार का नियंत्रण होगा।

ऐसा करना होगा बिल्कुल गलत

ऐसे में संसद में खेल विधेयक को पारित करने के किसी भी प्रयास के परिणामस्वरूप बीसीसीआई पर सरकार का पूरी तरह से नियंत्रण होगा। कुल मिलाकर ऐसा कोई भी कानून पारित करना बिल्कुल गलत होगा, जिससे लोढ़ा समिति की सिफारिशें निष्प्रभावी हो जाएं।

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