- नवरात्र पर खास खाना प्रोवाइड कराएगा आईआरसीटीसी

- ई-कैटरिंग और फूड ऑन ट्रैक एप से कर सकेंगे ऑर्डर

- पूरे नवरात्र मिलेगी व्रत के खाने की ऑनलाइन फैसिलिटी

GORAKHPUR: नवरात्र का दौर शुरू हो चुका है। व्रत रखने वाले जरूरी इंतजाम कर सफर पर निकल रहे हैं ताकि उन्हें अपना सफर भूखे रहकर कंप्लीट न करना पड़े। ऐसे मुसाफिरों के लिए इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉर्पोरेशन (आईआरसीटीसी) ने पहल की है। अब दौड़ती ट्रेंस में आईआरसीटीसी पैसेंजर्स को व्रत से जुड़ी चीजें मुहैया कराएगा। सफर में लोग व्रत के दौरान फलाहार भी कर सकेंगे। वहीं सात्विक डाइट भी चलती ट्रेन में ही मिल जाएगी। इसके लिए पैसेंजर्स को सिर्फ आईआरसीटीसी ई-कैटरिंग की वेबसाइट पर खाने का ऑर्डर करना होगा। इसके बाद तय स्टेशन पर पैसेंजर्स को व्रत से जुड़ा खाना मिल जाएगा और उन्हें सफर करने में कोई मुसीबत नहीं होगी।

ई-कैटरिंग मेन्यू में व्रत का खाना

आईआरसीटीसी ने पैसेंजर्स की सहूलियत के लिए उनके चुनिंदा और फेवरेट रेस्टोरेंट का खाना भी ई-कैटरिंग के जरिए प्रोवाइड कराने की व्यवस्था की है। अगर किसी पैसेंजर्स को इसका ऑर्डर करना है, तो उसे ई-कैटरिंग की वेबसाइट पर जाकर 'व्रत का खाना' ऑप्शन चुनना होगा। इसके बाद वहां रेलवे की लिस्ट में शामिल रेस्टोरेंट का नाम सामने आएगा, जिसमें से अपने पसंदीदा रेस्टोरेंट का सेलेक्शन कर पैसेंजर्स ऑर्डर दे सकेंगे।

मेन्यू में यह रहेगा अवेलबल

- साबूदाना की खिचड़ी

- ड्राई मखाने

- साबूदाना

- मुंगफली नमकीन

- आलू की टिक्की

- नवरात्र थाली

- जीरा आलू

- फ्रेंच फ्राइस

- साबूदाना वाड़ा

- फलाहारी चूड़ा

- फलाहारी थाली

- मलाई बर्फी

- रसमलाई

- मिल्ककेक

- सादी बर्फी

- लस्सी

- प्लेन कर्ड

इन स्टेशनों पर मिलेगी डिलेवरी

- कानपुर सेंट्रल

- जबलपुर

- रत्लाम

- जयपुर

- बीना

- पटना

- राजेंद्र नगर

- हजरत निजामुद्दीन

- अंबाला कैंट

- झांसी

- औरंगाबाद

- अकोला

- इटारसी

- वसाई रोड

- वापी

- कल्याण

- बोरीवली

- ड्रग

- दौंड

- ग्वालियर

- मथुरा

- नागपुर

- भोपाल

- उज्जैन

- अहमदनगर

यहां कर सकते हैं ऑर्डर -

www.ecatering.irctc.co.in या "Food-on-track" app।

वर्जन

नवरात्र को ध्यान में रखते हुए आईआरसीटीसी पैसेंजर्स को लिमिटेड स्टेशन पर व्रत का खाना अवेलबल करा रहा है। इसमें पैसेंजर्स के पसंदीदा रेस्टोरेंट भी शामिल हैं। ऑनलाइन ऑर्डर देकर इसका फायदा उठाया जा सकता है।

- सिद्धार्थ सिंह, पीआरओ, आईआरसीटीसी