वाराणसी (ब्यूरो)। गर्ल फ्रेंड और शोहरत के चक्कर में देश से गद्दारी करने वाले पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के एजेंट राशिद के मोबाइल फोन से कई राज बाहर आए हैं। राशिद के महाराष्ट्र और राजस्थान कनेक्शन सामने आने के बाद एटीएस के साथ ही अन्य एजेंसियां सक्रिय हो गई हैं। मोबाइल फोन से मिली जानकारी के बाद आइबी, रॉ के साथ ही अन्य सुरक्षा एजेंसियों व सेना की खुफिया विंग जोधपुर, जयपुर और महाराष्ट्र में सक्रिय आतंकी गुटों से जुड़े स्लीपिंग माड्यूल्स की तलाश कर रही हैं। राशिद एक पाकिस्तानी जर्नलिस्ट के संपर्क में भी था। जिसे वो बनारस की महत्वपूर्ण जानकारी भेजता था।

नंबरों की खंगाली जा रही कुंडली

राशिद जिन वाट्सएप ग्रुपों से जुड़ा था, उनमें अधिकतर देश विरोधी, भड़काऊ वीडियो, संदेश थे। जोधपुर, जयपुर और मुंबई के जो नंबर वाट्सएप ग्रुपों से जुड़े थे, उनपर आतंकी गुटों से जुड़े होने का संदेश है। राशिद से पूछताछ के बाद राजस्थान और महाराष्ट्र की एटीएस के साथ ही खुफिया एजेंसियों को सारी जानकारी दे दी गई है। इन नंबरों से जुड़े लोगों की कुंडली खंगाली जा रही है। चंदौली के पड़ाव स्थित चौरहट गांव निवासी राशिद को एटीएस ने 19 जनवरी को अरेस्ट किया था। दो बार पाकिस्तान जा चुके राशिद के बारे में सेना के पास पुख्ता जानकारी थी कि वो आईएसआई के लिए काम कर रहा है। उसे हवाला के जरिए फंडिंग भी हुई थी। सेना से इनपुट मिलने के बाद एटीएस ने राशिद पर नजर रखनी शुरू की। सर्विलांस की मदद से पुख्ता सुबूत हाथ आने के बाद बीते 19 जनवरी को उसे गिरफ्तार कर लिया।

मौसेरे भाई ने मिलवाया था पत्रकार से

राशिद मूल रूप से वाराणसी के लंका थाना क्षेत्र के छित्तपूर इलाके का रहने वाला है। बीते 15 साल से वह चौरहट स्थित अपनी ननिहाल में रह रहा था। कस्टडी रिमांड के दौरान खुफिया व सुरक्षा एजेंसियों ने मोबाइल से मिली जानकारी के आधार पर पूछताछ की तो एक पाकिस्तानी पत्रकार का भी नाम सामने आया। राशिद ने बताया कि कराची में रहने वाले मौसेरे भाई ने उसे पाकिस्तानी पत्रकार से मिलाया था। राशिद जब वाराणसी आया तब पाकिस्तानी पत्रकार उसे अक्सर फोन करता और मोदी के आगमन, आयोजन से जुड़ी जानकारी लेता। बनारस में चल रहे विकास कार्यों, धरना-प्रदर्शन, गंगा आरती, बाजार से जुड़ी जानकारियां भी राशिद ने पाकिस्तानी पत्रकार को मुहैया कराई थी।

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