नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में लांच हुआ

सैटेलाइट के लांचिंग के के समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मौजूद थे. पीएसएलवी-सी23 को सुबह 9.52 मिनट पर लांच किया गया.

मोदी सरकार में इसरो का पहला अंतरिक्ष अभियान

पीएसएलवी-सी23 की लांचिंग देखने के लिए मोदी रविवार शाम को ही श्रीहरिकोटा पहुंच चुके थे. एनडीए के सरकार के सत्ता में आने के बाद यह इसरो का पहला अंतरिक्ष अभियान है. यह रॉकेट अपने साथ पांच विदेशी सैटेलाइट्स को अंतरिक्ष की कक्षा में स्थापित करेगा. 49 घंटे की उल्टी गिनती आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित इसरो के रॉकेट पोर्ट में शनिवार सुबह शुरू हो गई थी.

इन पांच देशों के सैटेलाइट भी हैं साथ में

इस रॉकेट ने जिन पांच विदेशी सैटेलाइट्स को लेकर उड़ान भरी, उनमें फ्रांस का 714 किलोग्राम भार वाला एसपीओटी-7, जर्मनी का 14 किलोग्राम भार वाला एआईएसएटी, कैनेडा का 15-15 किलोग्राम भार वाला एनएलएस7.1 (सीएएन-एक्स4) व एनएलएस7.2 (सीएएन-एक्स5) और सिंगापुर का सात किलोग्राम वजन वाला वीईएलओएक्स-1 उपग्रह शामिल है.

अब तक 35 विदेशी सैटेलाइट ले जा चुके हैं हमारे रॉकेट

अभियान की योजना के अनुसार, रॉकेट अपनी उड़ान के बाद सबसे अधिक वजन वाले उपग्रह स्पॉट-7 को अंतरिक्ष की केंद्र में स्थापित करेगा. इसके बाद एआईएसएटी, एनएलएस7.1, एनएलएश7.2 और वीईएलओएक्स-1 को कक्षा में स्थापित किया जाएगा. भारत ने 1999 से लेकर अब तक पीएसएलवी के जरिए 35 विदेशी उपग्रह अंतरिक्ष के केंद्र में स्थापित किए हैं. इस नए अभियान के जरिए इसकी संख्या 40 हो जाएगी.

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