नई दिल्ली (एएनआई)। चंद्रयान -2 और चांद की दूरी और कम हो गई है। लैंडर की कक्षीय दूरी को घटाने यानी डी-ऑर्बिटिंग का दूसरा टेस्ट भी पूरा हुआ। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के मुताबिक चंद्रयान -2 का आज सुबह दूसरा डी-ऑर्बिटिंग सफल रहा। इसरो ने इस पर ट्वीट भी किया है।


चंद्रमा की परिक्रमा कर रहा चंद्रयान
डी-ऑर्बिटिंग की शुरुआत बुधवार सुबह 3:42 बजे की गई थी। इस दाैरान ऑन-बोर्ड प्रोपल्शन सिस्टम का उपयोग किया गया था। इस युद्धाभ्यास की अवधि 9 सेकेंड थी। विक्रम लैंडर की कक्षा 35 किमी x 101 किमी है। चंद्रयान  96 किमी x 125 किमी की कक्षा में चंद्रमा की परिक्रमा कर रहा है।
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7 सितंबर को पहुंचेगा विक्रम लैंडर
चंद्रयान के ऑर्बिटर और लैंडर दोनों स्वस्थ हैं। विक्रम लैंडर 7 सितंबर को चंद्रमा की सतह पर पहुंचेगा। इस खास दिन का पूरी दुनिया बेसब्री से इंतजार कर रही है। अमेरिका, रूस और चीन के बाद चंद्रमा पर लैंडिंग कराने वाला भारत चौथा देश बन जाएगा।  बता दें कि 22 जुलाई को भारत का मून मिशन लाॅन्च हुआ था।

 

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