कानपुर। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने अंतरिक्ष में एक और कामयाबी का झंडा गाड़ा है। संचार उपग्रह जीसैट-30 के रूप में यह इसरो का साल 2020 का पहला मिशन है। इसरो के संचार उपग्रह जीसैट-30 को की लाॅन्चिंग शुक्रवार तड़के करीब 2:35 बजे हुई। इसे फ्रेंच गुयाना के कोउरू लांच बेस से यूरोपियन रॉकेट एरियन 5-वीटी 252 से जियोसिनक्रोनस ट्रांसफर ऑर्बिट (जीटीओ) में लाॅन्च किया गया। लॉन्च के करीब 38 मिनट 25 सेकंड बाद संचार उपग्रह जीसैट-30 कक्षा में स्थापित हो गया।


संचार उपग्रह जीसैट-30 करीब 15 साल तक प्राॅपर वर्क करेगा
इसरो की ऑफिशियल पर वेबसाइट के मुताबिक 3357 किलोग्राम वजनी यह सैटेलाइट देश की टेलिकम्युनिकेशन सर्विसेज में तेजी से बदलाव लाएगा। संचार उपग्रह जीसैट-30 करीब 15 साल तक काम करेगा। जीसैट -30 का मुख्य उद्देश्य हाई कवरेज के साथ इनसैट -4 ए अंतरिक्ष यान सेवाओं के प्रतिस्थापन के रूप में काम करना है। यह कू-बैंड में भारतीय मुख्य भूमि और द्वीपों का कवरेज प्रदान करेगा। इसने सी-बैंड में कवरेज बढ़ाया है जो खाड़ी देशों, बड़ी संख्या में एशियाई देशों और ऑस्ट्रेलिया को कवर करता है।


इंटरनेट स्पीड बढ़ेगी और मोबाइल नेटवर्क का विस्तार होगा
ऐसे में जीसैट-30 देश की सबसे ताकतवर संचार सैटेलाइट है। इसकी ताकत को देखते हुए कहा जा रहा है कि देश की संचार व्यवस्था और मजबूत हो जाएगी। इसके साथ ही देश में इंटरनेट स्पीड बढ़ेगी और मोबाइल नेटवर्क का विस्तार होगा। इससे देश के उन क्षेत्रों में भी मोबाइल सेवाएं पहुंचेंगी, जहां पर अभी तक लोग इन सेवाओं से दूर थे। इतना ही नहीं डीटीएच सेवाओं में भी सुधार होगा। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जीसैट-30 संचार साल 2005 में लॉन्च इनसेट 4A की जगह लेगा क्योंकि वह 15 साल पुराना हो चुका है।

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