इस हायड्रोजन फ्यूल फिटिड बस को संडे को लिक्विड प्रोपल्सन सिस्टम सेंटर में डिमांस्ट्रेट किया गया. ये सेंटर तमिलनाडु में महेंद्रगिरी में है. ये बस सीएनजी(CNG) टाइप की बस है. 

इसरो के ऑफिशियल्स ने बताया कि वह क्रायोजेनिक टेकनोलॉजी पर कई साल से काम कर रहे थे. इस बस को पूरी तरह से क्रायोजेनिक तकनीक पर बेस्ड नहीं कहा जा सकता. यह सीएनजी टाइप बस है.

हाइड्रोजन को बॉटल्स में भरकर बस की छत पर लगाया जाता है. इसमें लिक्विड हाइड्रोजन का इस्तेमाल किया गया है. इसमें इसरो को विशेषज्ञता हासिल है. बस को एनर्जी देने के लिए टाटा-इसरो ने फ्यूल सेल पावर सिस्टम (एफसीपीएस) को डेवलप किया है. इस रिसर्च टीम को इसरो के ओनरेरी एडवाइजर वीजी गांधी ने लीड किया था. इस बस के लिए इसरो और टाटा मोटर्स ने 2006 में एमओयू पर साइन किया था.

Bollywood News inextlive from Bollywood News Desk