- 3 गुना ज्यादा है इंदौर नगर निगम का वार्षिक बजट

- 500 करोड़ का वार्षिक बजट है मेरठ नगर निगम का

- 1500 करोड़ रुपये का वार्षिक बजट है इंदौर नगर निगम का

- 1 नंबर पर था इंदौर स्वच्छता रैंकिंग में

- 339 नंबर था मेरठ का स्वच्छता रैकिंग में

-गोबर गैस प्लांट के लिए भी मांगे प्रस्ताव

आई कंसर्न

मितेंद्र गुप्ता

मेरठ। शहर में बुनियादी सुविधाओं को मुकम्मल करने के लिए नगर निगम आने वाले दिनों में इंदौर मॉडल को अपनाने की योजना बना रहा है। लेकिन, हकीकत को समझें तो इंदौर मॉडल अपनाना नगर निगम के लिए इतना आसान नहीं है। इसके लिए नगर निगम को एड़ी चोटी का जोर लगाना पड़ेगा। अधिकारियों व कर्मचारियों को अपनी कार्यशाली में बदलाव लाना होगा। तब जाकर इंदौर मॉडल को अपनाने के करीब पहुंच पाएंगे।

वार्षिक बजट भी है कम

गौरतलब है कि मेरठ नगर निगम का वार्षिक बजट इंदौर नगर निगम की तुलना में तीन गुना कम है। नगर निगम मेरठ का वार्षिक बजट 500 करोड़ रुपये है। तो वहीं, इंदौर नगर निगम का वार्षिक बजट 1500 करोड़ रुपये का है। अब बुनियादी और बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए मेरठ नगर निगम को अपने वार्षिक बजट में भी इजाफा करना होगा।

सफाई में आसपास भी नहीं

मेरठ नगर निगम अब इंदौर मॉडल को अपनाने की तैयारी तो कर रहा है। लेकिन सफाई के मामले में बहुत पीछे है। बीते दिनों स्वच्छता रैंकिंग में इंदौर नगर निगम पहले नंबर था। जबकि मेरठ की रैंकिंग 339 थी। अब 339 से नंबर एक पर पहुंचना इतना आसान काम नहीं है। हालत यह है कि सालों की मशक्कत के बाद भी अभी तक कूड़ा निस्तारण प्लांट शुरू नहीं हो पाया है।

गोबर गैस प्लांट शुरू करेगा निगम

नगर निगम ने डेयरियों से निकलने वाले गोबर का निस्तारण करने की योजना बनाई है। इसके लिए नगर निगम ने गौबर गैस प्लांट लगाने के लिए कंपनियों से प्रस्ताव मांगे हैं। एक कंपनी से करीब दो करोड़ रुपये का प्रस्ताव बनाकर नगर निगम को दिया है।

इन पर करना होगा गंभीरता से काम

- शहर को अतिक्रमण मुक्त करना होगा

- आय के साधन बढ़ाने होंगे

- भ्रष्टाचार खत्म करना होगा

- सफाई पर विशेष ध्यान देना होगा

- कूड़ा निस्तारण प्लांट को शुरू करना होगा

- डेयरियों से निकलने वाले गोबर का निस्तारण करना होगा

- शहर की सड़कों को टिकाऊ बनाना होगा

- पानी की निकासी के लिए सीवरेज सिस्टम को ठीक करना होगा।

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इंदौर मॉडल को अपनाया जा सकता है। इसके लिए काम किया जा रहा है। जरूरत पड़ी तो एक बार अधिकारियों को वहां पर भेजा जाएगा। जिससे सभी चीजों को ठीक से समझकर यहां पर इंप्लीमेंट किया जा सके। काफी चीजों में सुधार किया जा रहा है।

मनोज कुमार चौहान, नगर आयुक्त