जर्जर हो चुकी थी सात साल पहले लगी 90 स्क्वॉयर एमएम की एबीसी

छह माह से इलाके के लोग कर रहे थे शिकायत, अधिकारी नहीं दे रहे थे ध्यान

ALLAHABAD: सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों की काम को लटकाकर रखने की आदत ने सोमवार की रात में ब्लड बैंक के पास लखनऊ हाईवे पर बवाल करा दिया। बिजली विभाग के अधिकारी जान रहे थे कि उन्होंने जिस क्षमता (90 स्क्वॉयर एमएम) का एरियल बंच कंडक्टर (एबीसी) इलाके में लगा रखा है वह लोड को देखते हुए कारगर नहीं है। साथ ही बूरी तरह जर्जर भी हो चुका है, लेकिन इसके बावजूद उन्होंने समय रहते उसे बदलने का प्रयास नहीं किया। इसका नतीजा ये हुआ कि लगातार तीन दिन तक परेशानी झेल रहे लोग सोमवार की रात भड़क गए और लखनऊ हाईवे पर जाम लगा दिया। इसके बाद मंगलवार को एबीसी की क्षमता (120 स्क्वॉयर एमएम) बढ़ा दी गई।

छह महीने से हो रही थी शिकायत

ब्लड बैंक से सौ मीटर की दूरी पर 400 केवी का ट्रांसफार्मर लगा है। इसी ट्रांसफार्मर से ऊंचवा गढ़ी को बिजली की आपूर्ति की जाती है। ट्रांसफार्मर से करीब सात साल पहले चार सौ मीटर के इलाके में 90 स्क्वॉयर एमएम की एबीसी लगाई गई थी। इतने वर्षो में एबीसी की स्थिति जर्जर हो चुकी थी। क्षेत्रीय लोगों की मानें तो पिछले छह से वे परेशानी झेल रहे थे। लो वोल्टेज की समस्या तो यहां आम है। इसकी शिकायत दर्जनों बार अधिकारियों से की गई, लेकिन उन्होंने एक नहीं सुनी।

एसडीओ को पता ही नहीं

विभाग की सक्रियता का अंदाज इसी से लगाया जा सकता है कि बेली सब स्टेशन के एसडीओ रंजीत कुमार को यही नहीं पता कि उनके इलाके में कितने एमएम की एबीसी लगी थी। 18 सितम्बर को चक्काजाम के बाद जब उनसे बात की गई तो उन्होंने कहा कि इलाके में 120 स्क्वॉयर एमएम की एबीसी लगी है। मंगलवार को मौके पर केबिल बदलने के लिए पहुंचे जूनियर इंजीनियर कन्हैया तिवारी से बात की गई तो उन्होंने कहा कि 90 स्क्वॉयर एमएम की एबीसी लगी थी जो जर्जर हो चुकी थी। उसी की वजह से तीन दिन में कई बार केबिल जला। मंगलवार को इलाके में 120 एमएम की एबीसी लगाई गई।

बिजली आपूर्ति कई बार बाधित हुई है। अधिकारी सिर्फ मीटर बदलने और बिल की वसूली में लगे हैं, उन्हें आपूर्ति से कोई मतलब नहीं।

कृष्णा

इलाके में लो वोल्टेज की समस्या लगातार रहती है। बिल जमा करते समय इसकी शिकायत कई बार की गई लेकिन सुनवाई नहीं हुई।

राहुल

समस्या तीन दिन की नहीं है। पहले ही दर्जनों बार लो वोल्टेज और जर्जर केबल को लेकर आपूर्ति बाधित होती रही थी।

रवि

इलाके के लिए नया ट्रांसफार्मर लगाने की मांग कई बार की गई है। एक ट्रांसफार्मर के सहारे इतने बड़े इलाके में आपूर्ति की समस्या बनी रहती है।

रंजीत

छोटी-छोटी गलियों में बहुत से ऐसे मकान बनाए गए हैं जहां कटिया के सहारे आपूर्ति ली जाती है। अधिकारी वहां तक कभी जाते ही नहीं हैं।

दीपांकर

पुराना एबीसी जर्जर हो चुका था। बिना एबीसी बदले आपूर्ति संभव नहीं थी। मंगलवार को चार सौ मीटर के एरिया में 120 स्क्वॉयर एमएम की एबीसी लगाई गई।

कन्हैया तिवारी, जूनियर इंजीनियर, बेली सब स्टेशन