सोनिया जब अपना भाषण देने के लिए मंच पर आईं तब पार्टी कार्यकर्ता राहुल गाँधी के नाम के नारे लगा रहे थे. इसलिए अपना भाषण शुरू करने से पहले ही सोनिया गाँधी ने ज़ोर देकर कहा कि राहुल के बारे में लिया गया फ़ैसला अंतिम है.

अपने भाषण में सोनिया गाँधी ने कहा कि पार्टी धर्मनिरपेक्षता को बचाने के लिए समर्पित रहेगी. सोनिया ने कहा कि नेहरू ने कहा था कि कांग्रेस हमेशा अत्याचार के ख़िलाफ़ लड़ती रहेगी.

सांप्रदायिक ताकतें ख़तरा

विपक्ष पर निशाना साधते हुए सोनिया ने कहा, "देश को सांप्रदायिक ताकतों और विचारधाराओं से सबसे बड़ा ख़तरा है. कांग्रेस हमेशा लोगों को एक दूसरों को जोड़ने के रास्ते पर रही है. कांग्रेस मिली जुली राष्ट्रीय पहचान के साथ सभी को एक सूत्र में बाँधती रही है."

"हमारे मुख्य राजनीतिक विपक्षी कट्टरता और द्वेष फ़ैलाने के रास्ते पर है. वे एकरूपता के नाम पर देश पर कट्टरता थोप रहे हैं. उनका रास्ता हिंसा भड़काने का है. इस तरह की विचारधारा को कैसे बर्दाश्त किया जा सकता है. एक कांग्रेसी के रूप में हमें ये कहते हुए गर्व होना चाहिए कि हमने इस तरह की सांप्रदायिक विचारधारा के ख़िलाफ़ हमेशा संघर्ष किया है."

सोनिया ने कहा, "धर्मनिरपेक्षता हमारी चुनावी मजबूरी नहीं बल्कि हमारी ग़हरी आस्था है."

उन्होंने कहा, "देश में उथल पुथल है. आकांक्षाओं से भरी हुई पीढ़ि चाहती है कि उनकी आवाज़ सुनी जाए. हमारी नीतियों ने सबकी आकांक्षाओं को बढ़ाया है. इन्हीं आकांक्षाओं से मध्यवर्ग पैदा हुआ है. कभी-कभी लगता है मध्यमवर्ग की आकांक्षाओं को पूरी तरह पूरा नहीं कर पाए."

सोनिया ने कहा कि मैं सभी लोगों से नरम रुख अपनाने का अनुरोध करती हूँ. लेकिन जो लोग हमारा सिर्फ़ विरोध करते हैं उन्हें एक पल के लिए भी यह नहीं भूलना चाहिए कि हमारे राष्ट्रीय जीवन का प्रत्येक बड़ा परिवर्तन हमारी पार्टी के माध्यम से ही हुआ है.

मुश्किल में भी ज़िंदा

सोनिया गाँधी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी बहुत मुश्किल दौर में भी ज़िंदा रही है और उसे अपने सिद्धांतों पर गर्व है. सोनिया ने कहा, "कांग्रेस ने बहुत मुश्किल समय देखा है, आज से भी ज़्यादा मुश्किल लेकिन हमने कभी भी हौसला नहीं खोया है."

सोनिया गाँधी ने अपने भाषण में मनरेगा योजना का ज़िक्र करते हुए कहा कि इस योजना से गाँवों में रोज़गार बढ़ा है. भ्रष्टाचार पर बोलते हुए सोनिया ने कहा, "बुराड़ी में दो साल पहले भ्रष्टाचार से लड़ने के लिए पाँच सूत्रीय कार्यक्रम की घोषणा की थी. तब से लोकपाल पास हो चुका है. फ़रवरी 2014 के अंत तक कांग्रेस शासित सभी राज्यों में लोकायुक्त पास हो जाएगा."

सोनिया ने कहा, "अवसरों की ग़ैर बराबरी एक और बड़ा ख़तरा है. ग़ैर बराबरी को मिटाने का सबसे प्रभावी तरीका शिक्षा है इसलिए हम शिक्षा के अधिकार का क़ानून बनाया है."

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