- बेली हॉस्पिटल में बाहर की दवा लिखे जाने पर भड़के डीएम ने दी चेतावनी

- मेडिकल सर्टिफिकेट बनाने में छात्रों ने की अवैध वसूली की शिकायत

ALLAHABAD: मामला नया नहीं है। इसके पहले भी इस तरह की अनियमितता सामने आ चुकी है। यही कारण था कि शिकायत सामने आते ही डीएम भड़क गए। उन्होंने तुरंत हॉस्पिटल प्रशासन को दोबारा ऐसा नहीं करने की चेतावनी दे डाली। शनिवार को बेली हॉस्पिटल का औचक निरीक्षण करने डीएम पी गुरु प्रसाद उस समय बेहद नाराज हो गए जब एक मरीज ने बताया कि उसे बाहर की दवाएं लिखी जा रही हैं। जिसे खरीदने की उसकी हैसियत नहीं है। इस पर डीएम ने कहा कि इट्स लास्ट वार्निग। दोबारा ऐसा हुआ तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

क्या था मामला

हॉस्पिटल के ईएनटी डिपार्टमेंट निरीक्षण के दौरान ईएनटी डिपार्टमेंट के बाहर बैठी मलाक हरहर की महिला विमला देवी ने बताया कि डॉक्टर द्वारा पर्चे पर लिखे जाने पर उसके परिजन बाहर से दवा लेने गए हैं। इस डीएम ने कहा कि महिला को सभी जरूरी दवाएं तत्काल उपलब्ध कराई जाएं। सर्जिकल वार्ड के बेड नंबर क्8 में एडमिट एक मरीज को उन्होंने तुरंत इलाज के लिए ब्लड के इंतजाम करने के निर्देश दिए। हॉस्पिटल प्रशासन ने डीएम से जरूरी जांच मशीने दिलाए जाने की मांग की। इस उन्होंने कहा कि एमआरआई मशीन का टेंडर हो चुका है और बाकी मशीनों के लिए शासन को लिखा जाएगा।

क्यों हो रही है अवैध वसूली?

बता दें कि इस समय एक साथ कई काउंसिलिंग में मेडिकल सर्टिफिकेट मांगा जा रहा है। इसी को बनवाने आए कुछ स्टूडेंट्स ने डीएम से सर्टिफिकेट बनवाने के बदले में सौ से पचास रुपए की अवैध वसूली की शिकायत कर दी। इस पर उन्होंने काउंटर पर बैठे कर्मचारी को तत्काल हटाकर उसके खिलाफ कार्रवाई करने के आदेश दिए। हॉस्पिटल कैंपस में ही निजी दवाखाने के बोर्ड को हटाने के लिए उन्होंने कहा। उन्होंने अन्य मरीजों से दवाओं की उपलब्धता और खाने की क्वालिटी के बारे में भी पूछताछ की। उन्होंने सीएमओ डॉ। पदमाकर सिंह, हॉस्पिटल सीएमएस डॉ। यूसी द्विवेदी, डॉ। जीएस ठाकुर और डॉ। नीता साहू से हॉस्पिटल की वित्तीय स्थिति और स्टाफ के बारे में जानकारी भी ली।